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4 घंटे की देरी और नक्‍सलियों ने पूरा किया सलवा जुडूम का बदला

By भोमेंद्र शुक्ल
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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के नक्‍सलियों की दंडकारण्‍य कमेटी ने सरकार को पत्र लिखकर भेजा और कहा कि कांग्रेस के काफिले पर हमला महेंद्र कर्मा से सलवा जुडूम का बदला लेने के लिये किया गया। गुडसा उसेंडी ने कहा कि अब भाजपा भी निशाने पर है। नक्‍सलियों ने चिठ्ठी में लिखा कि नंद कुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल भी नक्‍सलियों के विरोधी थी, इसलिये उन्‍हें मौत के घाट उतार दिया।

इस पत्र से साफ है कि नक्‍सलियों के हौंसले बुलंद हैं। लेकिन आखिर सुरक्षा और सेना व पुलिस के गश्‍त के बावजूद ऐसा क्‍या हो गया, कि नक्‍सली अपने मनसूबों में कामयाब हो गये। उत्‍तर है 4 घंटे की देरी। वो ऐसे कि जब भी कोई बड़ा नेता या अधिकारी या उनका काफिला किसी वीरान इलाके से गुजरता है तो उससे ठीक पहले सेना, सीआरपीएफ अथवा पुलिस का एक गश्‍त होता है। गश्‍त में सड़क व आस-पास के इलाकों का मुआयना किया जाता है और यह देखा जाता है कि रास्‍ता साफ है या नहीं।

<strong>हाईटेक नक्‍सलियों की सेना में 10 हजार से ज्‍यादा लड़ाके </strong>हाईटेक नक्‍सलियों की सेना में 10 हजार से ज्‍यादा लड़ाके

शनिवार की शाम भी ऐसा ही हुआ। गश्‍त हुआ सर्च ऑपरेशन भी और पुलिस की ओर से ग्रीन सिगनल मिल गया, लेकिन परिवर्तन रैली की तैयारियों में इतनी देरी हो गई कि महेंद्र कर्मा का काफिले निर्धारित समय से करीब चार घंटे लेट निकला। इतना बड़ा गैप मिलना नक्सलियों के लिए सोने पर सुहागा था। इतनी देर में घने जंगलों के बीच से नक्‍सली सड़क किनारे घात लगाने में कामयाब हो गये।

उसके बाद जो हुआ वह सबके सामने है। सलवा जुड़ूम के नाम से नक्सलियों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा को नक्सलियों ने पहले मारा, जी भर के गालियां दी, फिर 150राउंड गोली उनके बदन में उतार दी। कर्मा पर यह पहली बार नक्सलियों का हमला नहीं था। तीन बार वे काल के गाल से बच गए थे लेकिन चौथी बार वे नहीं बच पाए। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे जनजागरण एवं सलवा जुड़ूम अभियान में खुलकर हिस्सा लेने के कारण नक्सली उनके जान के दुश्मन बन गए थे। नक्सलियों के खिलाफ इस मुहिम में उनके परिवार के 15 लोगों ने भी बलिदान दिया है। इन्हीं कारणों से राज्य सरकार ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराया था।

दहशत का मंजर

दहशत का मंजर

प्रत्यक्षदर्शियों ने दहशत के उन पलों में जो सुना वह भी पैरों तले जमीन खिसकाने वाला है। नक्सलियों ने बस्तर टाइगर को मारते समय चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि जंगल में खुद को मजबूत बनाते ही हम शहरी क्षेत्रों की अपनी योजना में जुट जाएंगे।

10 साल से तैयार रखी है कार्य योजना

10 साल से तैयार रखी है कार्य योजना

जिसकी पूरी कार्ययोजना दस साल पहले ही हमने तैयार कर रखी है। योजना को जांचने के लिए कोरापुट के जिला मुख्यालय पर एक साथ सात जगहों पर हमला भी कर चुके हैं। अब हम शहरी इलाकों में हमले करेंगे। सरकारी तंत्र में घुसपैठ जैसे काम करेंगे और जो हमारे खिलाफ अभियान छेड़ेगा, उन्हें कहीं भी खोजकर मार देंगे।

चतुर हो गये हैं नक्‍सली

चतुर हो गये हैं नक्‍सली

नक्सलियों की बात करें तो वो अब राजनेताओं की तरह चतुर हो गए हैं। उनके पास दो तरह की रणनीति होती है, सैन्य रणनीति और शांति काल की रणनीति।

मार्क्‍सवाद का पाठ पढ़ाते नक्‍सली

मार्क्‍सवाद का पाठ पढ़ाते नक्‍सली

नक्‍सलियों के एक कंधे पर बंदूक होती है और दूसरे कंधे पर माओ और मार्क्‍स की किताबें। जब शत्रु सामने होता है तो वे बंदूक उतार लेते हैं और शत्रु का सामना करते हैं, और जब शांति होती है तो वे दूसरे कंधे से झोला उतार कर जनता को मार्क्‍सवाद और माओवाद की वैचारिक ट्रेनिंग देते हैं और उन्हें विचार पूर्वक अपने साथ जोड़ते हैं। इसके साथ ही जब ज्यादा मात्रा में सीआरपीएफ और एसीएफ के जवान मार्र्च करते हैं तो वे पूरी तरह से जंगलों में छिप जाते हैं, जो बाहर होते हैं वे शांति का पाठ पढ़ाने में मशगूल होते हैं।

क्‍या लिखा चिठ्ठी में

क्‍या लिखा चिठ्ठी में

चिट्टी में साफ तौर पर लिखा गया है कि हमारे निशाने पर मुख्य रूप से महेंद्र कर्मा ही थे। वो सामंती परिवार के थे, हालांकि अपने को आदिवासियों का नेता बताते थे। उन्होंने सलवा जुडूम का समर्थन किया था, जिसने बस्तर इलाके में भारी तबाही मचाई थी। रमन सरकार से उनके बेहतर रिश्ते थे। उन्हें तो रमन सिंह का सोलहवां मंत्री भी कहा जाने लगा था। नंदकुमार भी नक्सलियों के विरोधी थे, इसीलिए उनकी हत्या की गई।

नक्‍सलियों ने खेद जताया

नक्‍सलियों ने खेद जताया

चिट्ठी में नक्सलियों ने वीसी शुक्ला को भी नक्सलियों का विरोधी बताया और हमले में मारे गये निर्दोष लोगों पर खेद जताया। वैसे विकास का दम्भ भरने वाले रमन सिंह और उनकी सरकार को गहरा धक्का लगा है। उनका सरकारी तंत्र पूरी तरह से असफल हो गया है।

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English summary
Naxalites in Chhatisgarh have declared that the attack on Congress rally was the revenge of Salwa Judum by killing Mahendra Karma. BJP is also on Target. But see how it done.
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