यूपी पुलिस की हैवानियत: युवक को दिया पेट्रोल का इंजेक्शन, मौत
एटा पुलिस की इस करतूत के बाद से पुलिस के आलाधिकारियों ने आरोपी पुलिसवालों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन पुलिस की इस बर्बरता के कारण एटा का रहने वाला युवक को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी जबकि दूसरा अभी भी जिंदगी के लिए जंग लड़ रहा है।
अपने दोस्त को अपनी आंखों के सामने मरता देख बलबीर सिर्फ इतना ही कह रहा है कि उसका दोस्त अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसके एक एक शब्द यूपी पुलिस की दरिंदगी का पोल खोलते हैं। यूपी पुलिस की पुलिसिया थर्ड डिग्री के शिकार बलवीर ने बताया कि पुलिस ने हत्या के शक में बलवीर और उसके दोस्त को हिरासत में लिया था। पुलिस उनसे हत्या का जर्म कबूलवाना चाहती थी, लेकिन जब ये दोनों नहीं माने तो जुर्म कबूलवाने के लिए पुलिस ने सारी हदें पार कर दी।
इन दोनों के साथ न केवल बुरी तरह मारपीट की गई, बल्कि इन्हें पेट्रोल के इंजेक्शन तक लगा दिए गए। पुलिस के इस अत्याचार के बाद मानवाधिकार आय़ोग ने गंभीरता दिखाते हुए मामले की छानबीन शुरु कर दी है, वहीं अपनी साख बचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने आरोपी पुलिसवालों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही मामले की जांच के लिए एक जांच टीम भी गठित कर दी गई है।
यूपी पुलिस अपनी छवि बचाने के लिए चाहे जो दलील दे, लेकिन इस घटना से उसकी वर्दी पर एक बार फिर दाग तो लग ही गया है। सवाल अब भी है कि क्या जुर्म कबूलवाने के लिए यूपी पुलिस के इस कथित तरीके को सही ठहराया जा सकता है और एक सवाल ये भी है कि क्या अपराधियों को सुधारने का दावा करने वाली यूपी पुलिस को खुद सुधार की जरूरत नहीं है।