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कौन पूरा करेगा नरेंद्र मोदी के इन 7 सपनों को?

By Ajay Mohan
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[अजय मोहन] गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की सुबह अमेरिका में बैठे भारतीयों के सामने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए अपने विचार रखे। मोदी को सुनने के लिये लाखों लोग इंटरनेट व टीवी सक्रीन से चिपक गये। इस दौरान मोदी ने अपने उन सपनों को बयां किया, जो वो भारत के लिये देखते हैं।

सच पूछिए तो मोदी के हर भाषण या संबोधन में एक न एक ऐसी बात होती है, जो वाकई में सोचने लायक है। उन पर गहन चिंतन होना जरूरी है। लेकिन समस्‍या यह है कि देश की सरकार सोचती है, कि अभी उन पर अमल किया तो क्रेडिट मोदी को जायेगा, वहीं जनता सोचती है कि जब कभी भी मोदी के हाथ में सत्‍ता आयेगी, तब वो ऐसी स्‍वर्ण योजनाएं आयेंगी और देश तेजी से आगे बढ़ेगा। लेकिन इसी जनता के बीच एक तबका ऐसा है, जो इन सब बातों को हलके में लेता है और मोदी के इन सपनों को सपने ही समझता है। शायद वही तबका उनकी राहों का कांटा बन सकता है।

खैर यहां मैं उस बात को दोहराना चाहूंगा, जो मोदी ने गुजरात के मुख्‍यमंत्री पद की कुर्सी संभालने के तुरंत बाद कही थी- "मैं धन्‍यवाद करता हूं उन लोगों का, जिन्‍होंने मुझे वोट दिया और उन लोगों का भी जिन्‍होंने मुझे वोट नहीं दिया।" इसे गहराई से सोचें तो सीधे उसी तबके के लिये है, जो रुकावटें पैदा करने की तैयारी में हैं। मेरा यह लेख पढ़ने के बाद कई लोग कहेंगे कि मैं मोदी की बढ़ाई कर रहा हूं। अगर ऐसा है, तो मेरी गुजारिश है उन लोगों से कि अगर वो ऐसा सोचते हैं, तो वर्तमान यूपीए सरकार पर क्‍यों नहीं दबाव बनाते इन सपनों को साकार करने का।

मोदी के सात सपने-

हथियारों का सप्‍लायर बने भारत

हथियारों का सप्‍लायर बने भारत

मोदी ने कई बार कई मंचों से इस बात पर जोर दिया है कि भारत दूसरे देशों से हथियार व सैन्‍य उपकरण खरीदता है। इसमें हजारों करोड़ रुपए के सौदे हर बार होते हैं, घोटालों की भी आशंका बनी रहती है, बल्कि घोटाले हो भी जाते हैं। क्‍या हो अगर भारत खुद सैन्‍य उपकरण बनाये और खरीदने के बजाये दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। हम चाहेंगे भारत वो दिन जल्‍द से जल्‍द देखे।

स्‍टेच्‍यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची मूर्ति

स्‍टेच्‍यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची मूर्ति

मोदी ने अमेरिका में भारतीयों को संबोधित करते हुए अपने दिल की बात कही। उन्‍होंने कहा कि वो एक ऐसी मूर्ति बनाना चाहते हैं, जो स्‍टेच्‍यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची हो। वो मूर्ति किसी नेता या मेरी नहीं होगी, बल्कि आम जनता की होगी, जो एकता और अखंडता का प्रतीक होगी। जरा सोचिये अगर ऐसी मूर्ति जो स्‍टेच्‍यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची हो भारत में बन जाये, तो अमेरिका कितनी जलन महसूस करेगा। शायद दबा हुआ भी।

पीपीपी की जगह पीपीपीपी

पीपीपी की जगह पीपीपीपी

मोदी का मानना है कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) को आजमा कर देखा जा चुका है। सफलता मिली, लेकिन हेराफेरी भी हुई। क्‍यों न इसमें एक पी यानी पीपुल जोड़ दिया जाये। यानी पीपीपीपी पीपुल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हो। ऐसा करने पर रोजगार बढ़ेगा और विकास की रफ्तार भी तेज होगी।

इतनी बिजली हो कि दूसरे देशों को बेचें

इतनी बिजली हो कि दूसरे देशों को बेचें

नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने एक संबोधन में कहा कि जिस तरह SAARC देश हैं, उसी तरह भारत एक संगठन बनाये जिसका नाम SUN SON हो। यानी सूर्य पुत्र देश। इसमें उन देशों को शामिल किया जाये जो सौर्य ऊर्जा से ज्‍यादा से ज्‍यादा बिजली बनते हों। यह संगठन दुनिया के अन्‍य देशों को सौर्य ऊर्जा के लिये प्रेरित कर सकता है। न्‍यूक्लियर प्‍लांट के माध्‍यम से बिजली बनाने पर इतने विवाद हुए आज महज कुछ ही प्‍लांट चल रहे हैं, लेकिन गुजरात के सोलर प्‍लांट ने इतनी बिजली पैदा कर दी कि यहां बिजली सरप्‍लस में है। क्‍यों न हर राज्‍य में इतने ही बड़े-बड़े सोलर प्‍लांट लगवा दिये जायें? अगर ऐसा हो जाये, तो भारत खुद की पूर्ति करने के साथ-साथ दूसरे देशों को बिजली सप्‍लाई करे।

राज्‍यों से सौतेला व्‍यवहार नहीं

राज्‍यों से सौतेला व्‍यवहार नहीं

मोदी का हमेशा कहना है कि हमारे देश के विकास में तब सबसे बड़ी रुकावट आती है, जब कोई राज्‍य आगे बढ़ना चाहता है, लेकिन केंद्र से सहायता नहीं मिलती। अगर भारत को एक विकसित देश बनाना है, तो राज्‍यों के साथ सौतेला व्‍यवहार खत्‍म करना होगा। फिर चाहें सरकारें किसी की भी क्‍यों न हो, केंद्र में बैठी सत्‍ता को सभी को बराबर से तराजू में तौलना चाहिये।

हर राज्‍य में हों स्किल डेवलपमेंट विश्‍वविद्यालय

हर राज्‍य में हों स्किल डेवलपमेंट विश्‍वविद्यालय

मोदी ने कहा कि भारत में पहली बार स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी गुजरात में खोली गई। मैं चाहता हूं कि हर राज्‍य में ऐसे विश्‍वविद्यालय खुलें, ताकि देश के युवाओं को नौकरी मिलने में दिक्‍कत नहीं हो। इससे हमारे काम की क्‍वालिटी भी बढ़ेगी।

Comments
English summary
Gujarat chief minister Narendra Modi has expressed his dreams before Indian diaspora in America. So who will make his top 10 dreams true.
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