बंसल की बलि से मिला अश्वनी को जीवनदान!
22 मई को यूपीए सरकार की चौथी वर्षगांठ है। माना जा रहा है कि इससे पहले सरकार मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल कर सकती है। इसमें रिश्वत कांड में फंसे रेल मंत्री पवन बंसल की सरकार से विदाई तो लगभग तय है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने चहेते अश्विनी कुमार को बचाते हुए सिर्फ उनका विभाग बदलने का मन बना रहे है। कांग्रेस नेतृत्व की दो टूक के बाद अब प्रधानमंत्री अश्विनी कुमार को कानून मंत्री पद से हटाकर दूसरे मंत्रालय में भेजने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ये बात तो तय हो गई कि रेलवे का घूसकांड पवन बंसल की कुर्सी ले जाएगा। इस बैठक से बंसल नदारद रहे, जबकि अश्विनी कुमार शामिल हुए। ऐसे में माना जा रहा है कि रेलमंत्री जाएगे, लेकिन कानून मंत्री का सिर्फ विभाग बदला जाएगा। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी भी अपने मंत्रियों की गलती मानते हुए इस बात का पक्षधर है कि दोनों ही मंत्रियों को जाना चाहिए, लेकिन उसने अंतिम फैसला प्रधानमंत्री पर छोड़ा है।
सूत्रों की माने तो पाएमओ को चिंता है कि अश्विनी कुमार को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद सीधे प्रधानमंत्री निशाने पर आ जाएंगे। क्योंकि कोयला ब्लाक आवंटन पर तब सवाल उठाए गए जबकि कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के अधीन था। ऐसे में कानून मंत्री को ब चाकर पीएम अपनी जान भी बचा रहे है।