बुरे दौर में टाटा की खुशियों की चाभी, नैनो की बिक्री में भारी गिरावट
देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स की खुशियों की चाभी यानी की टाटा नैनो काफी बुरे दौर से गुजर रही है। जी हां, दुनिया की सबसे सस्ती और आम इंसान की कार का तमगा पाने वाली इस कार को अब ग्राहक मिलने मुश्किल हो गयें हैं। कंपनी ने इस कार की बिक्री सुधारने के लाखों जतन किये लेकिन मानों ग्राहकों ने इस कार से नात ही तोड़ लिया है।
जी हां, हाल ही में टाटा मोटर्स ने बीते अप्रैल माह में अपने वाहनों की बिक्री की सूची पेश की थी। जिसमें टाटा नैनो की ब्रिकी की रफ्तार सबसे खराब स्थिती में पाई गई। टाटा मोटर्स ने बीते अप्रैल माह में कुल 948 टाटा नैनो कारों की बिक्री की है। जो कि पिछले वर्ष के इसी माह में बेचे गये टाटा नैनो कारों की तुलना में लगभग 88 प्रतिशत कम है। टाटा नैनो की बिक्री में इतनी भरी गिरावट देख कंपनी भी हैरान है।
यदि पिछले वर्ष के टाटा नैनो की बिक्री पर गौर करें तो, पिछले वर्ष के अप्रैल माह में कंपनी ने कुल 8,028 टाटा नैनो कारों की ब्रिकी दर्ज की थी। अब आप खुद इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि कहां टाटा नैनो 8,000 ईकाइयों से भी ज्यादा थी, कहां इस वर्ष 1,000 का आंकड़ा छुने में भी यह कार नाकाम हो गई। घरेलु बाजार के साथ ही नैने की रफ्तार विदेशों में भी काफी कम हो गई है।
जी हां, टाटा नैनो को कंपनी ने बड़े ही उत्साह के साथ ही श्रीलंका और नेपाल में पेश किया था। उस दौरान कंपनी को उम्मीद थी कि, दुनिया की सबसे सस्ती कार के नाम पर नैनो कमाल कर दिखायेगी। लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में कंपनी ने नैनो के निर्यात बाजार में लगभग 95.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। इस वर्ष में कंपनी ने कुल 166 टाटा नैनो कारो का ही निर्यात किया है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 में यह आंकड़ा 3,462 यूनिट का था।