1984 दंगा- कांग्रेस नेता सज्जन कुमार बरी, सिख समुदाय में नाराजगी
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कैंट इलाके में दंगा भड़काने के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिले है। सिर्फ बयानों पर उनपर आरोप तय नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 में तात्हकालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के हिंसा में कई जानें चली गई थी। इस केस में बाहरी दिल्ली से कांग्रेस के सांसद सज्जन कुमार पर पांच लोगों की हत्या का आरोप था।
इस मामले में अन्य पांच आरोपियों में से तीन पर हत्या की बात साबित हुई है। इसके अलावा दो अन्य पर दंगा का मामला साबित हुआ है। बलवान खोखर, भागमल और गिरधारी हत्या के दोषी पाए गए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर सिख समुदाय के लोगों ने अप नी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट के बाहर वो अदालत के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन को देखते हुए कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं इस सिख समुदाय ने इस फैसले पर नराजगी जाहिर की है।