नरेन्द्र मोदी मांगेंगे 'माया' के लिए फांसी
इससे पहले साल 2002 के नरोडा पाटिया दंगा मामले में विशेष अदालत ने 57 साल की माया कोडनानी को 28 साल कैद और बाबू बजरंगी को मरते दम तक कैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद से ही गुजरात दंगों की जांच कर रही है एसआईटी अब इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में फांसी की मांग कर रहे है। एसआईटी की एस मांग को समर्थन करने के बाद से गुजरात सरकार की विधि विभाग ने तीन वकीलों की एक समिति बनाई है जिसे हाईकोर्ट में कोडनानी एवं बजरंगी समेत दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करने की अपील तैयार करने को कहा गया है।
सहायक सरकारी अभियोजक गौरांग व्यास के मुताबिक फांसी की सजा रेयरेस्ट ऑफ़ रेयर केस में मांगी जाती है। क्योंकि नरोदा पाटिया में इतने लोग मरे थे इसलिए फांसी की सजा की मांग की है। उनकी अपील के बाद हाईकोर्ट फैसला लेगा क्या करना है। वहीं सात महीनों तक एसआईटी की अपील पर जबाव नहीं देने वाली गुजरात सरकार ने अब उसकी मांग मान ली है। अब गुजरात सरकार से इजाजत मिलने के बाद एसआईटी फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी। लेकिन राज्य सरकार को समय निकलने के कारण अपील दाखिल करने के लिए उच्च न्यायालय से मंजूरी चाहिए होगी।