विकिलीक्स का खुलासा, विमान सौदे में स्वीडिश कंपनी के दलाल थे राजीव गांधी
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। खोजी वेबसाइट विकिलीक्स के एक सनसनीखेज खुलासे ने भारतीय राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। और हो भी क्यों ना? ये खुलासा भारत के लोकप्रिय और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस से जो जुड़ा है। अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने विकीलीक्स के हवाले से खुलासा करते हुए लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से पहले स्वीडिश कंपनी के लिये बतौर मीडिल मैन (बिचौलिये) की तरह काम कर रहे थे। ये बात उस वक्त की है जब राहुल गांधी इंडियन एयरलाइंस में पायलट थे। विकीलीक्स ने ये खबर किसिंगर केबल के हवाले से दी है।
अंग्रेजी
अखबार
'द
हिंदू'
में
जो
खबर
प्रकाशित
की
गई
है
उसके
मुताबिक
इंडियन
एयरलाइंस
में
पायलट
होने
के
साथ
ही
साथ
राजीव
गांधी
स्वीडिश
एयरक्राफ्ट
कंपनी
साबशानिया
से
भी
जुड़े
हुए
थे।
मालूम
हो
कि
साबशानिया
ने
वर्ष
1970
में
भारत
को
विगेन
लड़ाकू
विमान
बेचने
की
कोशिश
की
थी।
केबल
की
मानें
तो
राजीव
गांधी
इस
सौदे
में
बिचौलिए
का
काम
कर
रहे
थे।
स्वीडिश
कंपनी
को
ऐसा
लगता
था
कि
इस
सौदे
में
राजीव
गांधी
अपने
पारिवारिक
रिश्तों
का
इस्तेमाल
कर
सकते
थे।
हालांकि
ये
सौदा
नहीं
हो
सका।
उस वक्त ब्रिटेन की सेपेकैट कंपनी के जगुआर लड़ाकू विमान खरीदने को हरी झंडी दे दी गई थी। इस खुलासे से भारतीय राजनीति में हड़कंप मच गया है। वहीं इस संबंध में कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है कि विकीलीक्स की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है और उसके संस्थापक जूलियन असांजे राजनीतिक पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। पार्टी ऐसे किसी आरोप को महत्व नहीं देती है। वैसे विकीलीक्स का एक और खुलासा जेडीयू के लिए उलझन पैदा कर सकता है। द हिन्दू में ही छपी रिपोर्ट के मुताबिक इमरजेंसी के दिनों में इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ बगावत में जुटे जॉर्ज फर्नांडिस डायनामाइट धमाकों के लिए सीआईए तक की मदद लेने को तैयार थे। इसके लिए उन्होंने फ्रांस के लेबर अटैची से बातचीत भी की थी।