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राहुल गांधी ने कहा- नहीं बनना प्रधानमंत्री

By Ajay Mohan
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नई दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि उन्‍हें प्रधानमंत्री नहीं बनना। सच पूछिए तो पीएम बनने का सवाल ही आप्रसंगिक है। उन्‍होंने कहा, मीडिया मुझसे सवाल पूछता है, क्‍या आप पीएम बनना चाहते हैं? क्‍या आप पीएम पद के उम्‍मीदवार हैं? पीएम बनने की ख्‍वाहिश तो जरूर रखते होंगे? 43 फीसदी जनता चाहती है राहुल पीएम बनें? ये सारे सवाल आधारहीन हैं, क्‍योंकि मैं इस रेस में हूं ही नहीं, इन सवालों से कहीं ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण देश को नई दिशा देना है।

सीआईआई के राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में राहुल गांधी ने कहा अगले साल होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों को खारिज करते हुए राहुल ने कहा, "यह एक अप्रसांगिक सवाल है। यह पूरी तरह अफवाह है। मैं लोगों की आवाज बनकर देश की मदद करना चाहता हूं। आपको एक अरब लोगों की क्षमताओं के लिए संभावनाएं मुहैया करानी होगी।"

हिंदुत्व विचारधारा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, "मैं लोगों को बाहर रखना पसंद नहीं करता। आप बिहार के लोगों को मुंबई से बाहर नहीं कर सकते और न ही मुसलमानों को व्यवस्था से बाहर किया जा सकता है। यह लंबे समय तक नहीं चल सकता।"

राहुल गांधी का मूड तस्‍वीरों में

घोड़ा चढ़कर कोई नहीं आयेगा

घोड़ा चढ़कर कोई नहीं आयेगा

राहुल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति उन सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता, जिनका सामना देश कर रहा है। राहुल ने कहा, "यदि आप सोचते हैं कि एक व्यक्ति घोड़ा चढ़कर आएगा और सबकुछ ठीक हो जाएगा तो ऐसा नहीं होने वाला है।"

चमत्‍कार की उम्‍मीद न करें

चमत्‍कार की उम्‍मीद न करें

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से चमत्कार करने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "यदि आप प्रधानमंत्री से सभी समस्याओं के समाधान करने की उम्मीद करते हैं तो आपकी यह उम्मीद कभी पूरी नहीं हो सकती।" खुद पर लगे 'गरीब समर्थक', 'दलित समर्थक' और 'जनजातीय समर्थक' के लेबल के बारे में राहुल ने कहा कि ये अखबारों का कमाल है।

समावेशी विकास की जरूरत

समावेशी विकास की जरूरत

उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के लिए केवल कांग्रेस ही उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करने की स्थिति में है। उद्योग जगत से सहयोग की अपील करते हुए राहुल ने कहा, "मेरा भरोसा आपमें है। देश को आगे ले जाने के लिए मैं आपके साथ साझेदारी चाहता हूं।"

संवाद की कमी

संवाद की कमी

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मूल्य श्रृंखला में विभिन्न हिस्सेदारों के बीच संवाद की कमी के कारण जटिलताएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने व्यावसायिक प्रतिनिधियों से देश की एक अरब आबादी की क्षमताओं के लिए अवसर मुहैया कराने को कहा।

21वीं सदी की मांग

21वीं सदी की मांग

"भारत मानव पूंजी का सबसे बड़ा स्रोत है और आगे भी रहेगा। यह लोगों का योगदान है कि देश को 21वीं सदी में नए तरीके से परिभाषित किया जा रहा है।"

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English summary
During the CII seminar, Congress vice-president Rahul Gandhi has said that he doesn't want to became Prime minister.
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