आया मौसम ठंडे-ठंडे स्पर्मी-कूल का
सीधी बात करें तो हाल ही में हुए एक शोध की रिपोर्ट के मुताबिक ठंड के मौसम में और पतझड़ के दौरान पुरुषों के शुक्राणु ज्यादा स्वस्थ्य रहते हैं। उनकी गति भी तेज रहती है। वीर्य में स्पर्म काउंट भी अधिक रहता है। कुल मिलाकर देखा जाये तो गर्मियों की तुलना में जाड़े के मौसम में यौन संबंध स्थापित करने से गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा रहती है।
गर्मियों के मौसम में वीर्य में पाये जाने वाले शुक्राणु ढीले यानी कुछ हद तक ठंडे पड़ जाते हैं। इनमें कई सारी असमानताएं आ जाती हैं। 6000 पुरुषों पर किये गये इस अध्ययन के मुताबिक जाड़े में वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या अधिक रहती है। लिहाजा जिन लोगों का स्पर्म काउंट पहले से ही कम है, उनके लिये गर्मियों में बच्चा पैदा करना काफी मुश्किल होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्मल स्पर्म काउंट 16 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर होता है। यदि किसी का स्पर्म काउंट इससे कम है, तो गर्मियों के मौसम में उसके लिये चिंता और बढ़ जाती है।
तो कुल मिलाकर देखा जाये तो इस समय मार्च का महीना चल रहा है, गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। अप्रैल, मई, जून और फिर जुलाई तक शुक्राणुओं का स्वास्थ्य कुछ हद तक ठीक नहीं रहने की आशंका बनी रहेगी, यानी आपके शुक्राणु कुछ हद तक ठंडे पड़ जायेंगे। लिहाजा यदि आप कंसीव करने की सोच रही हैं, और ऐसा नहीं हो पा रहा है, तो कम से कम जुलाई तक अपने पति को दोष मत दें।