8.5 करोड़ के बेरोजगारी भत्ते को बांटने में सपा सरकार ने बहाए 12.5 करोड़ रु.
ये वो युवा है जो 2014 में वोट के लिए तैयार हो जाएंगे, लेकिन अखिलेश सरकार के इन कदमों से जनता के पैसों का वैजा इस्तेमाल हो रहा है। आईटीआई से मिली एक जानकारी के मुताबिक पिछले साल मार्च में बेरोजगारी भत्ते के नाम पर 8.5 करोड़ रुपए के चेक बांटने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम पर 12.5 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए थे।
सुनने भले ही अजीब लग रहा हो लेकिन ये जानकारी पुख्ता है। लखनउ की आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने ये जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल मार्च से नबंवर के बीच यूपी सरकार ने 8.5 करोड़ रुपए भत्ते के नाम पर बांटे जिससे राज्य के 10,500 युवा वबेरोजगारों के फायदा मिला। लेकिन इन भत्ते को बांटने के लिए सपा सरकार ने केवल चेक बांटने के लिए कार्यक्रम के आयोजन पर ही 12.50 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।
अखिलेश सरकार का ये बेरोजगारी भत्ता भले ही यूपी के युवा को सपा की ओ खींचने के लिए दिया गया हो लेकिन इस भत्ते को बांटने के लिए कार्यक्रमों पर पानी की तरह बहाए गए रुपए आम जनता की जेब से ही गए है। गौरतलब है कि सपा ने अपने चुनावी मेनिफेस्टों में यूपी के बेरोजगार युवाओं को प्रति माह 1000 तब तक देने का वादा किया था जब तक कि उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती। इसके लिए युवाओं की उम्र सीमा तय कर दी गई थी।
राज्य के 25-40 उमसीमा के बीच के युवाओं को इस भत्ते को पाने कि लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना था। जिसके बाद अखिलेश सरकार उन्हें प्रति माह हजार रुपए का भत्ता देगी। लेकिन भत्ते से ज्यादा राशी तो उन क्रायक्रमों पर खर्च कर दिया जाता है। ऐसे में भला यूपी का विकास कैसे हो सकता है।