महिला दिवस विशेष: नारी तू नारायणी है
नारी... के कई रूप हैं. नारी जननी है.. मार्गदर्शिका है.. बेटी है..बहन है.. प्रेमिका है, पत्नी है और सबसे बढ़कर एक बहुत प्यारी दोस्त भी है। नारी तो देवी है। प्रकृति की एक बेहद ही खूबसूरत रचना नारी के बारे में सदियों से बहुत कुछ लिखा जा चुका है। 8 मार्च को महिला दिवस है। पूरा विश्व इस दिन महिलाओं को सम्मान देगा लेकिन भारत में तो नारी की पूजा ही होती है।
आज हम आपके सामने देश की उन होनहार बेटियों का जिक्र करेंगे जिन्होंने ना केवल अपने भारत का नाम रौशन किया बल्कि विश्व में एक मिसाल बनीं। यह वो आम महिला हैं जिन्होंने अपने दम पर अपने ख्वाबों को पूरा किया और भारत को गौरवान्वित किया। जिनकी बात हम कर रहे हैं उनके बारे में पढ़कर आप सब की छाती भी चौड़ी हो जायेगी।
आप भी गर्व से कहेंगे वाकई यह भारत की बेटी हैं... जिसके आगे सिर नतमस्तक हो जाता है। आईये पूरे देश के साथ भारत मां की इन होनहार बेटियों को याद भी करें और सलाम भी।
'अरुंधति रॉय'
बुकर पुरस्कार विजेता, समाज सेविका और मशहूर लेखिका 'अरुंधति रॉय' आज पूरी दुनिया के लिए मिसाल हैं। "द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स" के लिये बुकर पुरस्कार प्राप्त अरुंधति राय ने लेखन के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन समेत भारत के दूसरे जनांदोलनों में भी हिस्सा लिया है। अपनी बेबाकी और सच्चाई के लिए ही आज 'अरुंधति रॉय' लोगों के लिए मिसाल बन गयी हैं।
वंदना शिवा
अहिंसात्मक चिपको आंदोलन में भाग लेकर वंदना शिवा ने दिखा दिया कि नारी अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता और लेखिका के रूप में वंदना ने जो पहचान बनायी है उसके आगे पूरा भारत उन्हें दिल से सलाम करता है।
संपत पाल देवी
बांदा की गुलाबी गैंग का नेतृत्व करने वाली सम्पत पाल देवी भी शुमार हैं। संपत घरेलू हिंसा का विरोध करती हैं। गुलाबी साड़ी पहनकर महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली संपत पाल देवी दुनिया के लिए मिसाल हैं।
सायना नेहवाल
सायना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। लंदन ओलंपिक २०१२ मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। पूरे देश को अपनी इस बेटी पर गर्व है।
सानिया मिर्जा
भारत की एक टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा वर्ष 2004 में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी। 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।
मैरी कॉम
भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ओलंपिंक 2012 में कांस्य पदक जीतकर लंदन में भी भारत को मुस्कुराने का मौका दिया। भारत को अपनी इस होनहार बेटी पर गर्व है। सादापन और अपने लक्ष्य के लिए त्याग करना कोई मैरी कॉम से सीखे।
चंदा कोचर
आईसीआईसीआई बैंक के कॉर्पोरेट सेंटर की अध्यक्ष चंदा कोचर को केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व भी शक्तिशाली मानता है। फोर्ब्स ने इन्हें दुनिया की शक्तिशाली महिलाओं में शामिल किया है। राजस्थान में जन्मी चंदा आज मुंबई में रहती है और देश की महिलाओं के लिए मिसाल हैं।
किरण बेदी
भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी देश का जाना-पहचाना नाम है। कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी किरण बेदी आज देश की बेटियों के लिए बहादुरी और प्रगति की मिसाल है। किरण बेदी की ही वजह से ही आज देश की बेटियां प्रशासनिक सेवाओं को अपना करियर बना रही हैं।
मेधा पाटकर
नर्मदा बचाओं आंदोलन को पूरे देश में जोर-शोर से लाने वाली समाज सेविका मेधा पाटकर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनका त्याग और समर्पण देश के लिए ही है। कई अवार्ड को अपने नाम कर चुंकी मेधा का निस्वार्थभाव से सेवा कार्य आज भी जारी है।