हैदराबाद ब्लास्ट में नया खुलासा: टिफिन नहीं प्रेशर कुकर से किया गया था धमाका
हैदराबाद। हैदराबाद धमाकों में अबतक यह कयास लगाये जा रहे थे कि धमाकों में टिफिन बम का प्रयोग किया गया है मगर अब इस बात का खुलासा हुआ है कि धमाकों में प्रेशर कुकर का प्रयोग किया गया था। ये खुलासा धमाकों के फॉरेंसिक रिपोर्ट से हुआ है। फॉरेंसिक टीम ने बताया है कि धमाके के लिये 1.5 किलो अमोनियम नाइट्रेट और चीन और जापान में बनी पांच बैट्रियों का इस्तेमाल किया गया था। फॉरेंसिक टीम ने जानकारी दी है कि धमाके से 2 हजार डिग्री सेल्सियस का तापमान बाहर निकला। वहीं घटना स्थल की गहन जांच के बाद मौके से एल्यूमिनियम के भी टुकड़े मिले हैं।
इससे
पहले
आंध्र
प्रदेश
पुलिस
हैदराबाद
में
हुए
दोहरे
बम
विस्फोट
स्थलों
के
पास
लगे
एक
क्लोज
सर्किट
सीसीटीवी
कैमरे
से
प्राप्त
संदिग्ध
हमलावरों
की
तस्वीरों
का
विश्लेषण
करके
उन्हें
उन्नत
बनाने
के
लिए
अमेरिका
की
संघीय
जांच
एजेंसी
एफबीआई
की
मदद
लेने
पर
विचार
कर
सकती
है।
सूत्रों
से
जो
जानकारी
मिली
है
उसके
अनुसार
विस्फोट
स्थलों
के
आसपास
लगे
सीसीटीवी
कैमरे
से
प्राप्त
फुटेज
से
अभी
तक
कोई
विश्वसानीय
सुराग
हासिल
नहीं
किया
जा
सका
है।
क्योंकि
फुटेज
में
जो
तीन
व्यक्ति
उस
साइकिल
के
पास
इंतजार
करते
दिखायी
दिये
हैं
वह
तस्वीरें
पर्याप्त
स्पष्ट
नहीं
हैं।
हालांकि
सीसीटीवी
कैमरे
में
जो
साइकिल
दिख
रही
है
तो
ऐसा
माना
जा
रहा
है
कि
विस्फोटक
उसी
पर
रखा
गया
था।
मालूम
हो
कि
बीते
गुरुवार
को
हैदराबाद
के
दिलसुख
नगर
इलाके
में
सिलसिलेवार
दो
बम
धमाकों
में
22
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी
जबकि
170
से
ज्यादा
लोग
जख्मी
हो
गये
थे।
एक
अधिकारी
ने
कहा
था,
‘फुटेज
को
शहर
के
एक
फिल्म
लैब
भेजा
गया
था
लेकिन
कोई
प्रगति
नहीं
हुई।
तस्वीर
की
गुणवत्ता
नहीं
सुधारी
जा
सकी।
इसलिए
फुटेज
को
एफबीआई
के
पास
भेजा
जा
सकता
है
जिसके
पास
उन्नत
प्रौद्योगिकी
है।