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'आधार' के बाद देश में गरीबों को मिलेगा भोजन का अधिकार

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UPA Government
नयी दिल्ली। खाद्य सुरक्षा विधेयक के प्रावधानों पर भले ही कई राज्य सरकारों ने आपत्ति जताई हो लेकिन आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए केन्द्र सरकार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। वैसे भी बढ़ती मंहगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार पहले से बैकफुट पर है। ऐसे में अंत्योदय अन्न योजना से यूपीए सरकार अपनी अगली पारी खेलना चाहती है। दरअसल संसदीय स्थायी समिती ने सुझाव दिया था कि प्रति व्यक्ति 5 किलों अनाज एकसमान मूल्य पर उपलब्ध कराई जाए। लेकिन केनद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर प्रति व्यक्ति 7 किलों करने का प्रस्ताव दिया है। अगर ये बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है तो भारत में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को समर्थन मूल्य से आधी किमतों पर अनाज उपलब्ध कराया जाएगा

दरअसल संसदीय स्थायी समिती ने इन विधेयक में कुछ संशोधन किए थ। लेकिन यूपीए सरकार ने इस संशोधनों में अंत्योदय अन्न योजना और मौजूदा खाद्यान्न आवंटन व्यवस्था को जारी रखा है। इस संशोधित विधेयक के संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

मौजूदा समय में अंत्योदय अन्न योजना के तहत अति निर्धन लोगों को प्रति परिवार हर माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त होता है जिसमें उसे 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल मिलता है। इस बिल को पास कराने के लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने कल राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों ने कुछ सुझावों के साथ इस विधयक पर अपनी सहमति जताई है।

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English summary
The UPA Government will decided to introduced the food safety bill in upcoming budget session.Under the scheme the Center government will provide 7 kg grain per month to poor people in country.
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