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कसाब- अफजल के बाद अब वीरप्पन के साथियों को फांसी!

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चेन्नई। ऐसा प्रतित हो रहा है कि अब आंतक के नुमाइंदो को हमारी सरकार एक के बाद एक सूली पर लटकाने पर लगी हुई है। अजमल आमिर कसाब, अफजल गुरू को फांसी पर लटकाने के बाद लगता है कि उसने कभी जंगल के आंतक कहे जाने वाले वीरप्पन के चार साथियों को भी सजा ए मौत देने का मन बना लिया है।

खबर आ रही है कि देश के महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वीरप्पन के चार साथियों की दया याचिका खारिज कर दी है। यह बात मानवधिकार संगठनों के हवाले से सामने आयी है।

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) के एस. बालामुरगन और वी.पी. गुनासेकरन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चारों दोषियों जिनका नाम सिमोन, गनानाप्रकाश, मैदाइह और बिलवन्द्रा हैं, के परिवार वालों को बुलाकर उनसे मुलाकात करवा दी गयी है।

आपको बता दें कि इन चारों को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2004 में ही फांसी की सजा सुनायी थी। इन चारों ने बारूदी सुरंग से एक साथ 22 लोगों को मौत के घाट उतारा था। लेकिन बाद में इनके परिवार वालों की तरफ से चारों के लिए दया याचिका दायर की गयी थी।

जिसे महामहिम ने नवंबर 2011 में ही खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि जंगल का आतंक यानी की वीरप्पन जिसका कि पूरा नाम के. मुनिस्वामी वीरप्पन गाउंडर था, को साल 2004 में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

वीरप्पन ने केवल आम आदमी को तंग नहीं किया था बल्कि उसने साउथ के सुपर स्टार राजकुमार को भी अपहरण किया था। राजकुमार वीरप्पन के कब्जे में पूरे 100 दिन थे। वीरप्पन के मरने के बाद रामगोपाल वर्मा ने उसकी जीवनी पर जंगल नाम की फिल्म बनायी थी जो कि सुपहिट हुई थी।

English summary
Mercy pleas of four Veerappan associates rejected by President Pranab Mukherjee
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