मौनी अमावस्या पर तीन करोड़ लोगों का शाही स्नान
इलाहाबाद। आस्था के मेले संगमनगरी में आज मौनी अमावस्या का पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। शाही स्नान में भाग लेने के लिए करीब तीन करो़ड़ लोग इलाहाबाद पहुंचे थे। रविवार सुबह आठ बजे तक हीकरीब दो करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके थे। आज के दिन लोग मौन रहकर संगम में डुबकी लगाते हैं।
मान्यता है कि मौन रहकर इंसान सीधे तौर पर भगवान से साक्षात्कार करता है जिससे वो सीधे तौर भगवान से अपने किये की माफी मांग सकता है।
कहा जाता है जब राक्षसों औऱ देवताओं के बीच में समुद्र मंथन हुआ था जिससे जो अमृत मिला था उसकी कुछ बुंदे संगम में गिर गयी थीं इसलिए लोग माघ मास में यहां डुबकी लगाने आते हैं।
इलाहाबाद में इस समय सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है। चप्पे-चप्पे पर चौकसी रखी जा रही है। शनिवार को आतंकी अफजल गुरू को फांसी दी जाने के बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
आईये आपको दिखाते हैं महाकुंभ की मोहक तस्वीरें।
मौनी अमावस्या
सुबह चार बजे से ही इलाहाबाद के संगम में साधुगण डुबकी लगा रहे थे।रविवार सुबह आठ बजे तक ही करीब दो करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके थे।
मौनी अमावस्या
विवादित गुरू स्वामी नित्यानंद भी अपने दल-बल के साथ संगमनगरी के महाकुंभ मेले में पहुंचे। इन्होंने भी यहां संगम में डुबकी लगायी। शायद यह भी अपने पापों से मुक्ति चाहते हैं।
मौनी अमावस्या
पूरे संगम में इस समय नागा साधुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। सुबह की बेला में सबसे पहले स्नान नागा साधुओं ने ही किया।
मौनी अमावस्या
मान्यता है कि मौन रहकर इंसान सीधे तौर पर भगवान से साक्षात्कार करता है जिससे वो सीधे तौर भगवान से अपने किये की माफी मांग सकता है।
मौनी अमावस्या
कहा जाता है जब राक्षसों औऱ देवताओं के बीच में समुद्र मंथन हुआ था जिससे जो अमृत मिला था उसकी कुछ बुंदे संगम में गिर गयी थीं इसलिए माघ मास में लोग यहां डुबकी लगाने आते हैं
मौनी अमावस्या
इलाहाबाद में इस समय सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है। चप्पे-चप्पे पर चौकसी रखी जा रही है।
मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम में डुबकी लगाकर अपने बालों को खोलकर खुशी दिखाते हुए साधु बाबा। ऐसा ही हाल इस समय पूरे महाकुंभ में साधुओं का है।
मौनी अमावस्या
आज के दिन लोग मौन रहकर संगम में डुबकी लगाते हैं। शाही स्नान में भाग लेने के लिए करीब तीन करो़ड़ लोग इलाहाबाद पहुंचे थे।
मौनी अमावस्या
केवल देसी ही नहीं विदेशी भी इस पावन पर्व का आंनद ले रहे हैं। ना तो कंपकपाती ठंड और शीतलहर दोनों का असर इनके जोश पर नहीं है।