यौन उत्पीड़न के खिलाफ अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूर किया
नयी दिल्ली। महिलाओं की सुरक्षा के लिए केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए अध्यादेश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हस्ताक्षर कर दिए है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये अध्याधेश तत्काल प्रभाव में आ जाएगा और सरकार को 6 महिनों के अंदर इसे संसद में पारित कराकर कानून का रुप देना होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिला संगठनों की आपत्ति के बावजूद यौन उत्पीड़न इस अध्यादेश पर अपने हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी दे दी है।
दरअसल कुछ महिला संगठनों ने राष्ट्रपति से अपील की थी कि कैबिनेट के इस अध्यादेश को ना माना जाए, क्योंकि सरकार ने इस अध्यादेश में जस्टिस वर्मा कमेटी की मांगों को नहीं माना है। इन महिला संगठनों की मांग थी कि मैरिटल रेप और आर्म फोर्स रेप मामले में जस्टिस वर्मा द्वारा दी गई सिफारिशों को सरकार इस अध्यादेश में शामिल करे।
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए जस्टिस वर्मा कमेटी के सिफारिशों के अनुरुप कानून को सख्त बनाने के लिए संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के बाद बलात्कार की परिभाषा को और व्यापक बनाने हुए इसे यौन उत्पीड़न में शामिल किया गया है। इसके साथ ही यौन उत्पीड़न का दायरा बढ़ाते हुए उसमें महिलाओं का पीछा करने, तेजाब फेंकने, अश्लील फब्तियां कसनें, अनुपयुक्त स्पर्श को शामिल किया गया है। इस अध्यादेश में इन अपराध के खिलाफ सजा को भी बढ़ाने की सिफारिश की गई है। अब बलात्कार मामले में उम्रकैद और फांसी की सजा को भी मंजूर किया गया है।