ये कांग्रेस का चिंतन नहीं 'चिंता शिविर' है: सोनिया
सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि ये वक्त है जब हम सभी को एकसाथ मिलकर चिंतन करने की जरुरत है। हमें अपनी पार्टी और गठवबंधन के लिए मिलकर काम करने की जरुरत है। सोनिया गांधी ने कार्यकत्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि इन 9 सालों में हमने काफी विकास किया है और जनता ने हमारे विकास को देखा भी है। उन्होंने ये भी ,कहा कि देश का एक बड़ा तबका अब भी पिछड़ा हुआ है। मनरेगा जैसी योजनाओं ने ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर बढ़ाए। किसानों के मुद्दे पर सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से किसानों के विकास पर ध्यान दिया है।
उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी इकलौती ऐसी पार्टी है जो देश के आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को एक ही सिक्के के दो पहलुओं के तौर पर देखती है। कांग्रेस अध्यक्षा ने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि देश की अहम पार्टी होने के बावजूद हमें मानना होगा कि हमारी पारंपरिक वोट बैंकिंग में सेंध लगी है। उन्होने नेताओं से कहा कि वे मध्यमवर्गीय लोगों का पार्टी से मोह भंग ना होने दे। क्षेत्रिय पार्टियों की वजह से उन्हें कुछ राज्यों में सत्ता से बाहर होना पड़ा है।
उन्होने कार्यकत्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सत्ता में रहना रहना जरुरी नहीं लेकिन सत्ता से बाहर रहने पर मनोबल गिरता है। कांग्रेस शासित राज्यों में तालमेल के मुद्दे पर सोनिया ने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी के बीच तालमेल बिठाए रखना कठिन होता है लेकिन पार्टी और गठबंधन के लिए दोनों को साथ लेकर चलना होता है लेकिन कांग्रेस अध्यक्षा ने साफ और सीधे स्वर में कहा कि किसी भी किमत पर गठबंधन के आदर्शों से समझौता नहीं किया जाएगा।
सरकार की विदेश नीतियों पर सोनिया ने कहा कि सरकार की विदेश नीतियों का मकसद विश्व में एक खास जगह पाना हैं।महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं के ऊपर होने वाले अत्याचार सरकार के लिए शर्म की बात है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आम जनता रोजाना के जीवन में दिन भ्रष्टाचारों से जूझती है,उससे वो तंग आ चुकी है।
हाल के दिनों में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चल रहे तनावपूर्ण स्थिती पर बोलते हुए पार्टी आलाकमान ने कहा कि अपने देश में क्षेत्रिय शांति बनाए रखने के लिए पड़ोसियों से अच्छे संबंध होने जरुरी है जिसके लिए हमें अपने पड़ोसियों से सभ्य व्यवहार के साथ बातचीत करनी। गौरतलब है कि कांग्रेस ये चिंतन शिविर अगले दो दिनों तक चलने वाली है जिसमें पार्टी के आला नेता से लेकर 350 कांग्रेसी कार्यकत्ता जमा हुए है।