आदर्श व्यक्तित्व के स्वामी अटल बिहारी वाजपेयी
आज देश के महान प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन है। आज वो जीवन के 89 वें पड़ाव पर कदम रख रहे हैं। अटल बिहारी बाजपेयी भाजपा पार्टी का वो आदर्श चेहरा है जिसके आगे सारी सियासी पार्टियां भी नतमस्तक हो जाती है। बेहतरीन कवि, महान नेता और सफल पीएम के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले अटल बिहरी बाजपेयी आज भले ही सशरीर राजनीति से दूर हों लेकिन उनके आदर्श और बातें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। तभी तो कभी उनकी खड़ाऊ तो कभी उनकी चिठ्ठी लोगों के जीतने का कारण बनती है।
आज अटल बिहारी जैसा महान व्यक्तित्व खुद भाजपा में भी कोई नहीं हैं। सियासी पार्टियां भी कहती हैं कि अटल जी जैसा कोई नहीं। अटल जी के बारे में कहा जाता है वो अकेले ही जनाधार के बल पर सत्ता चला सकते हैं। उन्हीं के कारण भाजपा ने सत्ता का स्वाद चखा। अटल जी के अंदर एक सुंदर कवि भी है, जो समय-समय पर लोगों के बीच उपस्थित होता है। उनके छंदों की मिठास का ही फल है कि उनकी कविता को कभी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपनी आवाज देते हैं तो कभी बॉलीवुड के किंग खान पर्दे पर चरितार्थ करते हैं।
खुद भारत को फील गुड का अनुभव कराने वाले अटल बिहारी बाजपेयी को वनइंडिया परिवार भी जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाएं देता है। आईये डालते है अटल जी महान व्यक्तित्व पर एक नजर जो कि हमें विकीपीडिया से हासिल हुई है।
अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ है वे भारत के पूर्व प्रधान मंत्री हैं। वह भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक है और1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रहे थे। वह जीवनभर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया।
अटल बिहारी बाजपेयी
वह भारतीय जन संघ की स्थापना करने वालों में से एक है और 1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रह चुके हैं । 1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, सफलता नहीं मिली लेकिन, 1957 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुचे। 1957 से 1977 तक ( जनता पार्टी की स्थापना तक) जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। 1968 से 1973 तक वे भारतीय जनसंघ के राष्टीय अध्यक्ष पद पर आसीन रहे। मोरारजी देसाई की सरकार में वह 1977से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेशों में भारत की छवि बनाई।
अटल बिहारी वाजपेयी
1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की। 6 अप्रैल, 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व श्री वाजपेयी को सौंपा गया। दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। लोकतंत्र के सजग प्रहरी अटल बिहारी वाजपेयी ने 1997 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। 19 अप्रैल, 1998 को पुनः प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार ने पांच वर्षों में देश ने प्रगति के अनेक आयाम छुए।
अटल बिहारी वाजपेयी
सन 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और भारत उदय (इण्डिया शाइनिंग) का नारा दिया। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। ऐसी स्थिति में वामपंथी दलों के समर्थन से कांग्रेस ने भारत की केन्द्रीय सरकार पर कायम होने में सफलता प्राप्त की और भाजपा विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई। सम्प्रति वे राजनीति से सन्यास ले चुके हैं।
नरेन्द्र मोदी
इन दिनों गुजरात के सीएम मोदी में लोग अटल बिहारी बाजेपीयी की झलक देख रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि अटल बिहारी के राजनीतिक परिदृश्य से हट जाने से भाजपा को अब तक कोई भरोसेमंद चेहरा नहीं मिल सका है जिसके कारण देश की जनता भाजपा को समर्थन दे सके। लेकिन मोदी की शक्ल में उन्हें अटल जी की छवि दिखती है जो भाजपा की नैया पार लगा सकते हैं।
अटल बिहारी बाजपेयी
खुद भारत को फील गुड का अनुभव कराने वाले अटल बिहारी बाजपेयी को वनइंडिया परिवार भी जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाएं देता है। अगर आप भी अटल जी को उन के जन्मदिन पर उन को जन्मदिन और क्रिसमस की बधाइयां देना चाहते हैं तो नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में अपनी शुभकामनाएं लिख सकते हैं।