अपने आर्दशों के साथ घिनौना मजाक कर रहे हैं माया-मुलायम: भाजपा
डा. अम्बेडकर, राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण के अनुयायी होने का अधिकार इन्होंने हमेशा के लिए खो दिया है। उन्होंने कहा कि डा. अम्बेडकर ने सिद्धांतों के कारण मंत्रीमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। जबकि लोहिया ने गैर कांग्रेसवाद का बिगुल फूंका था जिससे जनसंघ और समाजवादी एक मंच पर आये थे। लेकिन माया मुलायाम ऐसा साहस नहीं दिखा सकते। वह सीबीआई के शिकंजे में हैं और कांग्रेस के इशारे पर पैंतरा बदल देते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि डा. लोहिया व जय प्रकाश नारायण निश्छल हृदय से राजनीति करते हुए कभी भी कांग्रेस के आगे झुकने का काम नहीं किये। इसके बदले कांग्रेस ने उनका हमेशा उत्पीड़न किया।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि डा. अम्बेड़कर को आर्दश मानने वाली बसपा को भी अम्बेड़कर के असली स्वरूप का ज्ञान नहीं है। अपने स्वार्थ के चक्कर में मायावती अम्बेडकर के सिद्धातों को ताक पर रख कर घिनौनी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर सदैव विदेशी ताकतों का विरोध करते रहे। लेकिन मायावती उसी अम्बेडकर रूपी सीढ़ी का प्रयोग करके ऊंचाई पर पहूंच कर अम्बेडकर के विचारों की तिलांजली देते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके विदेशी ताकतों को बचाने का काम कर रही हैं। श्री तिवारी ने कहा कि एफडीआई के विरोध में हुई वोटिंग में सरकार नहीं गिर जाती सिर्फ एफडीआई लागू न हो पाता।
माया, मुलायाम तो एक तरफ रोज अखबारों एवं लोकसभा में एफडीआई के विरोध में भाषण तथा बयानबाजी करते हैं वहीं दूसरी ओर जब वोट पड़ने की बात आती है तब लोकसभा से वाकआउट करके पीछे हट जाते हैं। जो अत्यंत ही निंदनीय है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई रूपी नकेल कांग्रेस ने कस दिया और ये दोनों दल संसद में वोटिंग के बजाय रणछोड़ की भूमिका में आये एवं वही राज्य सभा में बहुजन, समाज पार्टी कांग्रेस के साथ वोट करती है। श्री तिवारी ने अपने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि 2014 चुनाव में दोनों दलों को प्रदेश की जनता सबक सिखा देगी।