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एजेंडा आज तक 2012 में किसने क्‍या कहा?

By Ajay Mohan
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नई दिल्‍ली। देश के कई बड़े मुद्दे इस समय जनता के सामने उठाये जा रहे हैं। उनमें महंगाई, एफडीआई, आर्थिक अस्थिरता, राजनीति, चुनाव, आदि प्रमुख हैं। ऐसे ही कई मुद्दे टीवी चैनल आज तक ने दो दिन के कार्यक्रम में उठाये हैं।

प‍हले दिन जिन मुद्दों को उठाया गया वो हैं- देश का नेता कैसा हो?; एक अधूरी क्रांति?; जात पर ना पात पर, मुहर लगेगी ‘विकास' पर; यंगिस्तान में है दम; छोटा पर्दा, बड़े स्टार; मिशन 2014: एक अनार सौ बीमार; सोशल नेटवर्किंग: कमाल या जंजाल; इंडिया मांगे मोर विकास; अपनी भाषाएं हैं जरूरी; लोक बनाम तंत्र;

इन मुद्दों पर अरुण जेटली, कपिल सिब्‍बल, सीताराम येचुरी, अन्‍ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, रविशंकर प्रसाद, सचिन पायलट, सुरेश रैना, रणदीप हुड्डा, साक्षी तंवर, अविका गौर, दिग्विजय सिंह, किरण बेदी, चेतन भगत, संजीव गोयनका, जावेद अख्‍तर, अशोक बाजवेयी, मणिशंकर अय्यर, आदि कई बड़े-बड़े दिग्‍गजों ने शिरकत की।

देश के अहम मुद्दों से जुड़ी इस चर्चा में किसने क्‍या कहा-

देश का नेता कैसा हो? अरुण जेटली

देश का नेता कैसा हो? अरुण जेटली

भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्‍यसभा सांसद अरुण जेटली ने कहा कि ईमानदारी से राजनीति नहीं करने वाले नेता को वोट मिलते हैं। आप किस परिवार से आए हो, आपके पास कितना पैसा है। ये मापदंड बन गया है। नेता बनने के लिए मापदंड बदल गए हैं और राजनीतिक दलों की ढांचे में परिवर्तन आया है। राजनीति अब सिर्फ नेताओं तक सीमित नहीं है। इस पर सिविल सोसाइटी और मीडिया का पूरा प्रभाव है। इन दोनों की राजनीति में बड़ी भूमिका है। जेटली कहते हैं कि कई बार बिना पुख्ता तथ्यों और सबूतों के आरोप लगा दिए जाते हैं। बीजेपी और एनडीए समय आने पर अपना नेता तय करेगी।

देश का नेता कैसा हो? कपिल सिब्‍बल

देश का नेता कैसा हो? कपिल सिब्‍बल

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्‍बल ने इस प्रश्‍न पर कहा कि आज के नेताओं के सामने कई तरह की मजबूरियां हैं। राजनीति में कड़वापन और कठोरता आ गई है। कपिल सिब्‍बल ने कहा कि आज की परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं और आज के नेताओं की तुलना महात्‍मा गांधी से नहीं की जा सकती है। देश के बड़े फैसले लेते वक्‍त सरकार पर कोई दबाव नहीं होता है। जबकि लोग कहते हैं कि हम कॉर्पोरेट घरानों के दबाव में काम कर रहे हैं। रही बात 2014 की तो उसके लिये थोड़ा वक्‍त चाहिये। 2014 में आप सभी को पता चल जायेगा कि देश का नेता कैसा हो।

सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के नेता का दृष्टिकोण स्‍पष्‍ट होना चाहिये। देश में बदलाव सिर्फ युवा ही ला सकते हैं और वही लायेंगे। नेता ऐसा हो जिसके उद्देश्‍य में कोई खामी नहीं हो। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि जल्‍द ही देश की राजनीति बदलेगी, उसमें सामाजिक वि‍विधता दिखेगी और आने वाले दिनों में क्षेत्रीय राजनीतिक दल देश की राजनीति में बड़ी भूमिकाएं निभाएंगे। उन्‍होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि चुनाव से पहे ही प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार की घोषणा की जाये।

एक अधूरी क्रांति- अन्‍ना हजारे

एक अधूरी क्रांति- अन्‍ना हजारे

अधूरी क्रांति पर अन्ना हज़ारे ने अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल की नीयत पर शक जताया और कहा कि वो अरविंद की पार्टी को वोट नहीं देंगे। अरविंद केजरीवाल के अंदर पैसे और सत्‍ता का लालच आ गया है। अगर भविष्‍य में केजरीवाल पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे तो मैं उनके खिलाफ आंदोलन करूंगा। मुझे परिवर्तन में विश्‍वास है। सरकार सिर्फ जनता से डरती है। विकास तो करना है लेकिन मानवता और प्रकृति का दोहन करके नहीं। अधूरी क्रांति को पूरा करने के लिए विकास बेहद जरूरी है।

जात पर ना पात पर, मुहर ‘विकास’ पर

जात पर ना पात पर, मुहर ‘विकास’ पर

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति व्‍यवस्‍था सिर्फ बिहार की बीमारी नहीं है। पूरे देश को यह रोग लगा हुआ है, लेकिन हां अब इसके आधार पर आप पूर्वानुमान नहीं लगा सकते हैं। बिहार के हालात को लेकर देश में चिंता रहती थी लेकि अब राज्‍य में बहुत परिवर्तन आ चुके हैं। हालात सुधरे हैं और लोग खुश भी हैं। खराब कानून व्‍यवस्‍था को लेकर जो डर था वो अब कम हुआ है। केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं और देश के विकास के लिए बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा मिलना अत्‍यंत आवश्‍यक है। नीतीश ने कहा कि हम देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं।

यंगिस्तान में है दम- सुरेश रैना

यंगिस्तान में है दम- सुरेश रैना

देश के युवाओं पर सुरेश रैना ने कहा कि एक सेनानी के बेटे होने की वजह से ही उन्‍होंने लड़ते रहना सीखा है। उन्‍होंने कहा कि युवाओं की तरह सोच विकसित करना जरूरी है। सचिन के बारे में रैना ने कहा कि उनका भारतीय टीम में बने रहना बेहद जरूरी है। उन पर रिटायरमेंट का दबाव डालना गलत होगा।

यंगिस्तान में है दम- रणदीप हुड्डा

यंगिस्तान में है दम- रणदीप हुड्डा

यंगिस्‍तान पर अभिनेता रणदीप हुड्डा ने कहा कि आज कल के युवाओं के ख्‍वाब बड़े हैं, जबकि वो उनके लिये प्रयास उस स्‍तर पर नहीं करते। इसीलिये उन्‍हें असफलता मिलती है। लिहाजा युवा जिस प्रकार के ख्‍वाब देखें, उसी स्‍तर पर मेहनत भी करें। ऑनर किलिंग पर हुड्डा ने कहा कि खाप के कई फरमान समाज के खिलाफ होते हैं और वो बिलकुल गलत है।

यंगिस्तान में है दम- सचिन पायलट

यंगिस्तान में है दम- सचिन पायलट

राजनेता सचिन पायलट ने कहा कि युवाओं को राजनीति से जुड़ना चाहिये। और युवाओं को राजनीति से उम्‍मीदें भी बहुत हैं। युवा देश के बारे में सबसे ज्यादा सोचता है। लिहाजा वो इस क्षेत्र में आकर बड़े काम कर सकते हैं। पायलट ने कहा कि जनता के बीच में पैठ बनाए रखना सबसे अहम और सबसे कठिन काम है। अच्छे लोग अगर चुनकर आएं, तो स्वभाविक रूप से देश में बदलाव आ सकता है।

टीवी से मिली पहचान: कृतिका कामरा

टीवी से मिली पहचान: कृतिका कामरा

कुछ तो लोग कहेंगे में लीड रोल निभा रहीं अभिनेत्री कृतिका कामरा ने कहा कि टीवी आपको लोगों से सीधे जोड़ देता है। लोग आपको पहचानने लगते हैं और आप लोकप्रिय हो जाते हैं।

दिल का हिस्सा बालिका वधू: अविका गौर

दिल का हिस्सा बालिका वधू: अविका गौर

'बालिका वधू' शो से नाम कमाने वाली टीवी की सबसे छोटी बहू अविका गौर ने कहा कि यह शो उनके दिल के काफी करीब है। इस शो ने सामाजिक मु्द्दों को उठा कर कार्यक्रम को नयी दिशा दी। इस शो की सफलता का असर है कि आज सोशल इशू पर टीवी पर कार्यक्रम बनते हैं।

टीवी कलाकारों की हालत सुधर गयी है: समीर सोनी

टीवी कलाकारों की हालत सुधर गयी है: समीर सोनी

टीवी पर अब कलाकारों की हालत काफी सुधर गयी है। टीवी अब आम लोगों के दिल का हिस्सा बन गया है जिसकी वजह से यहां काम करने में मजा आता है। लोग टीवी के आदिहो चुके हैं इसलिए शो की भरमार हो गयी है। लोग टीआरपी को देखकर चलते हैं इसलिए शो को खिंचा जाता है, जब तक टीआरपी तब तक शो की लाईफ।

लोग की पसंद से शो लंबे: साक्षी तंवर

लोग की पसंद से शो लंबे: साक्षी तंवर

बड़े अच्छे लगते हैं कि अभिनेत्री प्रिया यानी की साक्षी तंवर ने कहा कि शो की लंबाई दर्शकों की पसंद पर टिकती है। अगर कोई शो 1000 एपीसोड पूरे करता है तो वो वाकई में दर्शकों को पसंद आ रहा है चाहे वो कितना ही लंबा क्यों ना खींचे। शो की कहानी दर्शकों की रोचकता पर निर्भर करती है। रही बात महिला प्रधान किरदारों की तो अब उसमें काफी चेंज हो गया है। आज के महिलाओं के करेक्टर काफी मजबूत हो गये हैं।

सुषमा स्वराज है पीएम पद के लायक: दिग्विजय सिंह

सुषमा स्वराज है पीएम पद के लायक: दिग्विजय सिंह

आज तक के छठें सत्र में 'मिशन 2014: एक अनार सौ बीमार'. पर चर्चा हुई। जिस में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा में सुषमा स्वराज ही एक ऐसी नेता हैं जो पीएम पद के लायक है और वो ही पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी जैसी प्रखर हैं।

झगड़ा करवाना कोई दिग्विजय से सीखे: स्वराज

झगड़ा करवाना कोई दिग्विजय से सीखे: स्वराज

दिग्विजय सिंह की बात पर सुषमा स्वराज ने कहा कि दिग्विजय सिंह तो ऐसे इंसान है जो कहीं भी फूट डलवा सकते हैं। पीएम का चुनाव हालात पैदा करते हैं। भाजपा को राहुल गांधी से खतरा है .. के सवाल पर सुषमा स्वराज ने कहा कि भाजपा राहुल क्या कांग्रेस की किसी भी नेता से नहीं डरती है।

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English summary
News channel Aaj Tak has organized a two days seminar on the various issues related to the country. Many big personalities took part in this discussion.
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