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फतेहपुर रेप: पुलिस को नहीं अखिलेश का खौफ!

By रामलाल जयन
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Akhilesh, Dimple
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश की फतेहपुर पुलिस पर अखिलेश यादव सरकार का जरा भी खौफ नहीं है, यही वजह है कि डेढ़ हफ्ते से शारीरिक शोषण की शिकार एक दलित छात्रा नारी निकेतन में बंद है और नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी होना दूर की बात, विवेचक पीडि़ता का न्यायलय में बयान तक दर्ज कराने की पहल नहीं कर पाए। ऐसी स्थिति में लोगों का पुलिस से भरोसा उठता जा रहा है।

कुछ माह पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समस्त अधिकारियों को एक निर्देश जारी कर कहा था कि दुराचार जैसी घटनाएं सामने आने पर संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे। लेकिन फतेहपुर शहर की इस घटना पर पुलिस पीडि़ता के साथ जैसा खेल खेल रही है, उससे यही प्रतीत होता है कि यहां की पुलिस पर अखिलेश सरकार का जरा भी खौफ नहीं है।

इस मामले की शुरुआत ही किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। घटना के पांच माह तक पुलिस जांच के नाम पर मामला दबाए रही, पीडि़ता जब प्रदेश पुलिस महानिदेशक की ड्योढ़ी तक अपनी फरियाद सुनाने गई तो नगर पुलिस अधिकारी गौरव सिंह ने 20 नवम्बर को उसे फोन कर बयान दर्ज कराने के बहाने अपने कार्यालय बुलवाया। तब से अब तक पीडि़ता अपने घर वापस नहीं जा सकी।

पहले पुलिस ने चार दिन उसे महिला थाने में बंद रखा और मुकदमा नहीं दर्ज कराने का दबाव बनाती रही। जब वह राजी नहीं हुई तो 24 नवम्बर की रात अभियोग तो दर्ज किया, मगर उसे रातों रात जबरन नारी निकेतन भेज दिया। कार्रवाई की हद तब हो जाती है कि एफआईआर दर्ज होने के 12 दिन गुजर गए और विवेचक घटना स्थल का निरीक्षण तक नहीं कर पाए।

इतना ही नहीं, नामजद एक भी मुल्जिम पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया, जबकि मुल्जिमान अक्सर सीओ दफ्तर और नगर कोतवाली में उपस्थित पाए जा रहे हैं। पीडि़ता को नारी निकेतन से पुलिस महज इसलिए नहीं छोड़ना चाहती, ताकि वह अधिकारियों के समक्ष उसकी करतूत न उजागर कर दे।

इस मामले की शुरुआत में महिला संगठन ‘गुलाबी गैंग' पहले तो सक्रिय हुआ, बाद में जिला कमांडर सुशीला मौर्या पर अभियुक्तों का इतना दबाव बढ़ा कि वह खुलकर अभियुक्तों की पैरवी में उतर आई। हलांकि नगर कमांडर शैल त्रिपाठी और उनकी सहयोगिनी मनोज सिंह अब भी पीडि़ता के हक की लड़ाई लड़ रही हैं। शैल त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि ‘पुलिस पीडि़ता को इतना कमजोर कर देना चाहती है कि वह खुद-ब-खुद पुलिस से मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने को कहने के लिए विवश हो जाए।'

उन्होंने बताया कि ‘अब तक एक भी अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने पर उनका हौंसला बुलंद है और वह पीडि़ता की हत्या करने की साजिश को अंतिम रूप दे चुके हैं।' अपर पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह से जब इस मामले में पूंछा गया तो उनका कहना था कि ‘सीओ के पास तमाम काम हैं, समय निकाल कर पीडि़ता के न्यायालय में बयान दर्ज करवाएंगे और अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी करेंगे।' एएसपी यह नहीं बता पाए कि पीडि़ता को नारी निकेतन से कब रिहा किया जाएगा और विवेचक अब तक घटना स्थल का निरीक्षण क्यों नहीं कर पाए?

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English summary
Uttar Pradesh police is still not taking any action in Fatehpur Rape case.
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