रेप पीड़िता नारी निकेतन में, मुल्जिम छुट्टा सांड़
फतेहपुर शहर की इस घटना से आप अब तक पूरी तरह वाकिफ हो चुके होंगे। हम आपको बता दें कि यह मुहिम केवल वनइंडिया ही चला रहा है। हमारा मुहिम अब रंग लाने लगा है। जी हां पहली बार समाजवादी पार्टी की ओर से इस पर बयान आया है। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बुधवार को अपरान्ह 3:16 बजे वनइंडिया से कहा, "पुलिस ने अगर ऐसा किया है तो शासन की मंशा के विपरीत है। मैं इस समय एक कार्यक्रम में व्यस्त हूं, खाली होकर फतेहपुर के एसपी से बात करता हूं।"
क्या कहती है पुलिस की एफआईआर
फतेहपुर शहर के लोधीगंज मुहल्ले की छात्रा के साथ अजय मौर्या ने एक साल तक शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाये। जब वह गर्भवती हो गई तो उसे जहर देकर जान से मारने का प्रयास किया। मानवता को तार-तार कर देने वाली इस घटना में पहले तो पांच माह तक मुकामी पुलिस की लम्बी जांच-पड़ताल चली और पीड़िता को हर तरह से दबाने की कोशिश की गई, जब वह नहीं मानी तो सीओ सिटी ने उसे जांच के बहाने चार दिन तक महिला थाने में बंद रखा।
क्या है देश का कानून और पुलिस ने क्या किया
देश का कानून कहता है कि किसी भी लड़की का मेडिकल परीक्षण शाम छह बजे से सुबह छह बजे के बीच नहीं किया जा सकता है। अगर बहुत जरूरी है तो उसके लिये लड़की की अनुमति जरूरी है। लेकिन पुलिस ने रात्री 10:30 बजे लड़की का मेडिकल कराया और उसे नारी निकेतन में डाल दिया।
दूसरी बात सीआरपीसी की धारा 142 कहती है कि कोई भी अपराध जिसमें सात साल से ज्यादा की सजा हो सकती है उसके आरोपी को पुलिस तुरंत गिरफ्तार कर सकती है। सिर्फ सात साल से कम सजा वाले अपराध में ही पुलिस जांच के बाद गिरफ्तारी कर सकती है। यहां बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में ऐसी धाराएं लगायी गई हैं, जिसमें उम्र कैद तक की सजा है, फिर भी पुलिस ने आरोपी को हिरासत में नहीं लिया है।
सीओ सिटी गौरव सिंह का कहना है कि ‘पीड़िता को उसके गांव में जान का खतरा है, उसके मां-बाप ले नहीं जाना चाहते। इसलिए पहले उसे महिला थाने में रखा गया और बाद में नारी निकेतन में दाखिल किया गया है। यहां सीओ यह भूल गए कि जब बालिग छात्रा बार-बार यह बता रही है कि वह बालिग है और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार अपनी स्वैच्छा से कहीं भी रहने में समार्थ है तो जबरन उसे नारी निकेतन नहीं भेजा जाना चाहिए। सीओ का यह भी कहना है कि अभी सरकारी अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है। मिलते ही पीड़िता का बयान दर्ज कर संबंधित न्यायालय में पेश कर छुट्टी दे दी जाएगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने क्या कहा?
फतेहपुर के जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. आर एन श्रीवास्तव ने अपरान्ह 3:39 बजे वनइंडिया को बताया कि पुलिस ने आनन-फानन में पीड़िता सरकारी महिला अस्पताल में शनिवार की रात करीब साढ़े दस बजे परीक्षण कराया है, सिर्फ एक्सरे शेष था, जो सोमवार को हुआ और सभी रिपोर्ट्स सोमवार को कोतवाली पुलिस को सौंप दी गई हैं।' अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विवेचक झूठ बोल रहे हैं या चिकित्सा अधिकारी। निश्चित तौर पर कहीं बहुत कुछ गड़बड़ है।
भयभीत हैं पीड़िता के मां-बाप
इस दुराचार की शिकार छात्रा के मां-बाप बुरी तरह से भयभीत हैं, यहां तक कि उन्होंने अपने एकलौते बेटे मोनू को दिल्ली भगा दिया है और बालिग बेटी को पुलिस के समक्ष अपने साथ ले जाने से भी मना कर दिया है। वजह भी साफ है, पीड़िता के मां-बाप लोधीगंज इलाके में जिस फुटपाथ में फल और सब्जी की दुकान किए हैं, वह धन बली डा. घनश्याम का खाली प्लाट है और उन्हीं के होने वाले दामाद ने ही पहली बार अजय मौर्या से शारीरिक रिश्ते बनाने के लिए बाध्य किया था, यह बात पीड़िता ने पुलिस को दिए बयानों में कही है। अब अगर पीड़िता के मां-बाप अपने साथ ले गए तो उन्हें वह जगह खाली करनी पड़ेगी। यानी परिवार सड़क पर आ जायेगा।