हरियाणा में खुला खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान
निफ्टम दिल्ली-हरियाणा सीमा पर 100 एकड़ क्षेत्र में 480 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। निफ्टम को केन्द्र सरकार ने खाद्य विज्ञान और खाद्य तकनीक के क्षेत्र में इन्टरनेशनल सैंटर ऑफ एक्सीलेंस की कल्पना करके स्थापित किया है।
निफ्टम के उदघाटन उपरांत केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि फूड प्रोसैसिंग क्षेत्र में किसानों और उपभोक्ताओं की जरूरत के गैप को कम करने की क्षमता है। मूल्यों और उत्पाद की गुणवत्ता के मामले को लेकर दोनों सन्तुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि लाखों किसानों की कड़ी मेहनत के बल पर कृषि उत्पादन में रिकार्ड वृद्घि हुई हेै, परंतु फिर भी किसान और उपभोक्ता असंतुष्टï हैं। किसान विरोध करते हैं क्योंकि उन्हें उनके उत्पाद का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ता भी असंतुष्टï हैं, क्योंकि उन्हें उनके मूल्य का गुणात्मक उत्पाद नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के मूल्यों को लगाकर सप्लाई चेन, उत्पाद का बचाव, सुरक्षित ट्रांस्पोर्टेशन, उपभोक्ताओं तक पहुंच और पूर्ण संतुष्टि के लिए फूड प्रोसैसिंग में बहुत संभावना है।
पवार ने कहा कि फूड प्रोसैसिंग कृषि, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र और उद्यमियों के रूप में बदलते किसान के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है। यदि एक क्षेत्र कृषि के मुकाबले तेजी से बढ़ गया है, वहीं मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नौैकरियां उपलब्ध करवाने की संभावना बढ़ जाती है। उपभोक्ताओं द्वारा दिए गये मूल्य और किसानों द्वारा लिए गये मूल्य में यह ब्रिज का काम करता है और मूल्य वृद्घि करता है और उत्पाद के निर्यात से विदेशी पैसा कमाया जाता है। इसे फूड प्रोसैसिंग क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा, यह क्षेत्र किसानों और उद्यमियों के बीच में ब्रिज का काम ही नहीं करता, बल्कि किसान को उद्यमी बनने के लिए परिवर्तित करता है।
उभरते खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए शरद पवार ने इस क्षेत्र की चुनौतियों की भी चर्चा करते हुए बताया कि कैसे इस क्षेत्र के विकास में एनआईएफटीईएम मदद करेगा। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र तेजी से विकास करता क्षेत्र है लेकिन फिलहाल यह जरूरी सुविधाओं की कमी, पैकेजिंग और गुणवत्ता नियंत्रण केन्द्र एवं परीक्षण सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मानव संसाधनों की कमी भी इसके विकास में बहुत बड़ी अड़चन है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में मानव संसाधन के विकास में पथ प्रदर्शक का काम करेगा।
पवार ने कहा कि एनआईएफटीईएम खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एक ही स्थान पर सभी समस्याओं का हल कराएगा। उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय प्रबंधन प्रतिभा और खाद्य विज्ञान, खाद्य प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन में उन्नत तरीके विकसित करने के अलावा यह संस्थान खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ज्ञान भंडार का काम करेगा। यह क्षेत्र के विकास के लिए अनुसंधान और व्यापार से संबंधित सुविधाएं बढ़ाने में काम करेगा। यह संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, अनुसंधान और खासकर खाद्य उद्योग के लिए प्रबंधन कार्यक्रम मुहैया कराएगा।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के एक विजिन दस्तावेज तैयार किया है, जो इस क्षेत्र के विकास के लिए एक मार्गदर्शन उपलब्ध करवाएगा तथा इसके तहत हरियाणा को उत्तरी भारत का एक खाद्य प्रसंस्करण हब विकसित करने लिए अनेक कदम उठाए जाएंगे।