कर्मचारियों को सात प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता
इसी क्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक जुलाई 2012 से राज्य कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगायी भत्ता देने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश के राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक संस्थाओं, शहरी निकायों, यू.जी.सी. वेतनमानों के कर्मचारियों को अब 65 प्रतिशत से बढकर 72 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। सरकार की इस घोषणा से प्रदेश पर कुछ आर्थिक भार अवश्य बढ़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक राज्य सरकार के इस निर्णय से राजकोष पर 1028.74 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय-भार पड़ेगा। लोकसभा चुनाव से पूर्व जनता को अपनी ओर मोडऩे के लिए सरकार यह बोझ भी उठाने को तैयार है।
हालांकि कई लोग सरकार के इस निर्णय से खुश नहीं है क्योंकि सरकार के इस फैसले का लाभ सिर्फ नौकरी पेशा तबके को ही मिलेगा जबकि गरीब जनता को इससे सीधे लाभ नहीं होगा। सरकार के इस निर्णय के विषय में बोलते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एक जुलाई से 30 नवम्बर 2012 तक महंगाई भत्ते की बढ़ी धनराशि जी.पी.एफ. में जमा की जायेगी तथा एक दिसम्बर से नकद भुगतान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों ने एक जनवरी 2006 से लागू पुनरीक्षित वेतनमान के बजाय पूर्ववर्ती वेतनमान में रहने का विकल्प दिया है अथवा जिनके वेतनमान एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित नहीं हुए हैं उन्हें 139 प्रतिशत के स्थान पर 151 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जायेगा। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पेंशनरों तथा पारिवारिक पेंशनरों को एक जुलाई से 7 प्रतिशत बढी हुई दर से महंगाई राहत दिए जाने का निर्देश दिया है।