हाईकोर्ट जज ने गोपाल कांडा की जमानत याचिका अस्वीकार की
गत दिवस आटो मार्केट में मैकेनिकों और एसोसिएशन पदाधिकारियों के बीच विश्वकर्मा समारोह को लेकर छिड़े विवाद के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा दिवाली से अगले दिन होने वाले विश्वकर्मा दिवस समारोह को लेकर विधायक गोपाल कांडा व उनके भाई गोबिंद कांडा के होर्डिंग लगाए जाने का हो-हल्ला पूरे प्रदेश में मच गया। जिससे देखकर प्रतीत हो रहा था कि सिरसा में कांडा के समर्थक अति आत्मविश्वास से लबरेज हैं। अब उनकी जमानत को लेकर जब दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली गई तो न्यायधीश पीके भसीन की अदालत ने साफ कर दिया कि 'इस केस को किसी अन्य बेंच के सामने ले जाएं।
बिना किसी कारण के इस मामले में न्यायधीश महोदय द्वारा खुद को अलग कर लिए जाने से आभास हो रहा है कि कहीं न कहीं कांडा की जमानत उनके समर्थकों द्वारा अति आत्मविश्वास में बिना जेल से बाहर आए उन्हें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिखाए जाने के कारण ही लटकी है। कांडा के शहर में लगे होर्डिंगों से यह प्रतीत हो रहा था कि उनके समर्थकों को अपने नेता के पहले से ही जेल से बाहर आने का आभास हो गया था। फिलहाल न्यायिक प्रणाली द्वारा कांडा को राहत न दिए जाने से उनके समर्थक मायूस हो रहे हैं और उनके सलाखों के पीछे से जल्द बाहर आने की ईश्वर से कामना कर रहे हैं।