चार उपायुक्तों ने रॉबर्ट वाड्रा को कैसे दी क्लीन चिट?
गुडग़ांव के जिला उपायुक्त ने सरकार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि मानेसर के तहसीलदार-कम-उप रजिस्ट्रार से मैसर्ज स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी प्राईवेट लिमिटेड तथा मैसर्ज डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच अल्पमूल्यांकन सम्पति के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त की गई तथा उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शिकोहपुर गांव के खसरा नम्बर 730 में 3.53 एकड़ भूमि की खरीद के लिए सेल डीड नम्बर 4928 दिनांक 12 फरवरी, 2008 को की गई तथा इसकी कीमत 7.5 करोड़ रुपये आंकी गई। वर्ष 2007-08 के दौरान इस जमीन के कलैक्टर दरें 50 लाख प्रति एकड़ की दर से थी। सर्कल दर तथा कलैक्टर दरों के अनुसार 3.53 एकड़ जमीन की कुल स्टैम्प डयूटी 10,50,300 रुपये बनती है, जबकि खरीददार ने इस सेल डीड के लिए कुल स्टैम्प डयूटी के रूप में 45 लाख रुपये की अदायगी की है, जो सर्कल दर तथा कलैक्टर दरों से कहीं अधिक है।
फरीदाबाद के उपायुक्त ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उप-रजिस्ट्रार फरीदाबाद तथा बल्लबगढ़ व संयुक्त उप-रजिस्ट्रार सोहना के माध्यम से उन द्वारा की गई जांच में भी पाया गया कि उप-रजिस्ट्रार फरीदाबाद कार्यालय में ये डीडस सही पाई गई। उप-रजिस्ट्रार बल्लबगढ़ तथा संयुक्त उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय में भी पाया गया कि उपरोक्त कम्पनी या व्यक्ति के नाम से कोई डीड नहीं हुई। इस कारण कनवैंस डीड पर फरीदाबाद जिले में स्टैम्प डयूटी या रजिस्ट्रेशन फीस का नुकसान नहीं हुआ है।
मेवात के उपायुक्त ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वाड्रा द्वारा मैसर्ज रियल अर्थ स्टेट प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में शकरपुरी गांव में खरीद की गई 229 कनाल 7 मरला जमीन की स्टैम्प डयूटी तथा रजिस्टेशन फीस की पूर्ण रूप से अदायगी की गई है। इसी प्रकार पलवल के उपायुक्त ने भी अपनी रिपोर्ट में पाया है कि पलवल, होडल व हथीन के उप-रजिस्ट्रारों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सभी दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन सर्कल दरों के अनुरूप स्टैम्प डयूटी की अदायगी उपरांत किया गया है तथा राज्य को किसी भी प्रकार के वित्तीय घाटा नहीं हुआ है।