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50,000 आदिवासियों ने भूमि अधिकारों के लिए किया दिल्‍ली कूच

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ग्‍वालियर। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेंश और राज्‍य के उद्योग एवं वाणिज्‍य मंत्री से हुई बातचीत के असफल रहने के बाद मध्‍यप्रदेश के 50,000 आदिवासियों ने अपने भूमि अधिकारों की मांग के लिए ग्‍वालियर से दिल्‍ली के लिए पद यात्रा दो अक्‍टूबर को प्रारम्‍भ कर दी है।

भूमिहीन आदिवासियों की आवाज उठाने वाले गांधीवादी संगठन 'एकता परिषद' ने कहा है‍ कि हम आदिवासियों की समस्‍या पर सरकार का ध्‍यान दिलाने के लिए दिल्‍ली में मार्च कर रहे है।

इसके पहले जयराम रमेश, सामाजिक न्‍याय मंत्री मुकुल वासनिक और पंचायत राज मंत्री किशोर चंद्र ने आदिवासियों के लिए कार्यकरने वाले एकता परिषद के अध्‍यक्ष पी वी राजगोपाल से मुलाकात की लेकिन बातचीत का कोई हल नहीं निकल सका। ऐसे में एकता परिषद के अध्‍यक्ष ने घोषणा की कि आदिवासियों और अलग-अलग समुदाय के लोग जो भूमिहीन लोग या छोटे किसान हैं अपने अधिकारों की मांग के लिए एकसाथ 350 किलोमीटर की पदयात्रा कर ग्‍वालियर से दिल्‍ली जायेंगे।

एकता परिषद के अध्‍यक्ष का कहना है‍ कि यह एक अहिंसक आंदोलन है जो हमारी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा। संगठन के मुताबिक भूमि एक ऐसी सम्‍पत्ति है जिसके द्वारा विकास होता है। सकारात्‍मक विकास के लिये यह जरूरी होता है कि भूमिहीन लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाये। इस संगठन के अध्‍यक्ष राजगोपाल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात कर चुके हैं जिसमें प्रधानमंत्री ने आदिवासियों को भूमि उपलब्‍ध कराने की बात की थी।

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता वाली राष्‍ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्‍य राजगोपाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने हमें भरोसा दिलाया था कि हम भूमि सुधार के लिए योजना बनायेंगे और भूमि अधिकारों की रक्षा करेंगे।

English summary
More than 50,000 tribals have started their march on foot to Delhi from Gwalior in Madhya Pradesh, demanding land rights.
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