गुड़गांव में बहुत जल्द आयेगी रैपिड मेट्रो
उन्होंने गुड़गांव में देश की अपनी तरह की पहली पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाई जा रही रैपिड मैट्रो रेल की ट्रायल रन का बटन दबाकर शुभारम्भ किया और इसके विस्तार की आधारशिला भी रखी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रैपिड मैट्रो की सुविधा भी पूरे गुड़गांव को मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने प्रयास करके पहले गुड़गांव को दिल्ली से मैट्रो रेल सेवा से जोड़ा है। इसके बाद दिल्ली से फरीदाबाद तथा दिल्ली से बहादुरगढ़ तक मैट्रो मंजूर की गई और अब हरियाणा सरकार का प्रयास मैट्रो को जिला सोनीपत के कुंडली की तरफ ले जाने का है।
उन्होंने कहा कि रैपिड मैट्रो गुड़गांव कॉरिडोर में 6 स्टेशन होंगे और यह कॉरिडोर दिल्ली मैट्रो रेल लाईन से सिकन्दरपुर स्टेशन पर जोड़ा गया है। इस कॉरिडोर में सिकन्दरपुर, डीएलएफ फेज-2, बैलवेड्रे टावर्स, साइबर सिटी, मॉलश्री एवेन्यू तथा साइबर ग्रीन नामक 6 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। लगभग 5.1 किलोमीटर लम्बाई का यह रेल कॉरिडोर 1088 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर के मार्च 2013 में पूरा होने का अनुमान है। इस पर प्रात: 5:30 बजे से रात्रि 12 बजे तक मैट्रो रेल हर 4 से 5 मिनट के अन्तराल पर चलेगी और इसका किराया दिल्ली मैट्रो के बराबर रखा गया है।
हुडडा ने जिस रैपिड मैट्रो विस्तार की आधारशिला रखी है, उसका रूट लगभग 7 किलोमीटर लम्बाई का है और इस परियोजना पर लगभग 2100 करोड़ रूपए की लागत आएगी। यह परियोजना जुलाई 2015 तक पूरी होगी और इसमें भी 6 स्टेशन होंगे। यह विस्तार परियोजना सिकन्दरपुर स्टेशन से गुड़गांव के सैक्टर-56 की तरफ का क्षेत्र कवर करेगी।
हुड्डा ने कहा कि रैपिड मैट्रो के निर्माण में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(हुडा) की सांझेदारी है क्योंकि हुडा ने इस परियोजना के लिए राईट ऑफ वे उपलब्ध करवाया है। इस परियोजना में मुनाफे में हुडा सांझेदार नहीं है और मुनाफा केवल आईएल एंड एफएस कंपनी का होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में शहरीकरण तेजी से हो रहा है और जहां शहरीकरण से लोगों को सुविधाएं मिलती हैं, वहीं इसकी समस्याएं भी हैं, जिसमें प्रमुख लोकल ट्रांसपोर्ट की समस्या है। रैपिड मैट्रो शुरू होने से गुड़गांव में लोकल ट्रांसपोर्ट की समस्या दूर होगी।
रैपिड मैट्रो गुड़गांव के स्टेशनों को दिल्ली मैट्रो रेल कॉरपोरेशन के स्टेशनों से जोड़ा गया है और किराया भी दिल्ली मैट्रो के बराबर ही रखा गया है। रैपिड मैट्रो के प्रबंध निदेशक संजीव राय ने कहा कि रैपिड मैट्रो का ट्रायल रन 24 महीने के रिकार्ड समय में किया गया है, जिसमें स्थानीय लोगों, राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार का उन्हें भरपूर सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि रैपिड मैट्रो के विस्तार से औसतन 60 हजार वाहन कम होंगे तथा 90 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साईड पर्यावरण में कम छोड़ी जाएगी।