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प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी जरुरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

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Relief for govt, SC accepts auction not a must for all resources
नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कोई जरुरी नहीं हैं कि प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी की जाये। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस फैसले का असर 2जी के आदेश पर नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा नीलामी में आय की वृद्धि हो सकती है मगर इन सबसे पहले जनहित है। अदालत ने कहा कि नीतियां बनाना सरकार के विवेक पर है। सरकार के प्रेसिडेंशियल रेफ्रेंस मामले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि य‍ह फैसला सिर्फ 2जी स्‍पेक्‍ट्रम तक सीमित है। मालूम हो कि 2जी लाइसेंस रद्द होने के बाद सरकार ने राष्‍ट्रपति के जरिये सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सफाई मांगी थी। सरकार यह जानना चाहती थी कि क्‍या सिर्फ निलामी ही एक विकल्‍प है जिससे प्राकृतिक संसाधनों की दोहन हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि जनहित में नीति निर्धारण का काम सरकार का है। इसमें कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। कोर्ट ये नहीं तय कर सकता है कि सरकार किस तरह की नीति बनाए। सरकार अपने हिसाब से नीति निर्धारण कर सकती है।

अदालत यह मानती है कि प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीतिगत फैसला है जो सामाजिक और कल्यणकारी उपायों से समर्थित होना चाहिए। हालांकि अदालत ने कहा कि वह प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन का तरीका न तो निर्धारित कर सकता है और न ही उसे अलग कर सकता है लेकिन मामले के आधार पर उसकी न्यायिक समीक्षा कर सकता है।

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English summary
The Supreme Court on Thursday gave its verdict on the presidential reference on 2G spectrum allocation, where it said that its 2G order was restricted to auction of telecom spectrum only.
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