लखनऊ की फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव, रात भर दहशत
लखनऊ। राजधानी के बाजारखाला के बुलाकी अड्डे पर स्थित रोली आइस्क्रीम फैक्ट्री में देर रात हुए गैस रिसाव में पूरे इलाके में हड़कम्प मच गया। गैस रिसाव के चलते आसपास रहने वाले लोग परिवार समेत घरों को छोड़कर भागने लगे।
स्थानीय
लोगों
के
अनुसार
फैक्ट्री
में
लगे
गैस
सिलेण्डर
में
विस्फोट
भी
हुआ
है।
घटना
के
बाद
पूरे
लखनऊ
के
इस
इलाके
में
दहशत
का
माहौल
फैल
गया
और
काफी
देर
तक
लोग
घरों
को
नहीं
लौटे।
चिकित्सकों
व
प्रशासनिक
अधिकारियों
की
एक
टीम
इलाके
के
दौरे
पर
पहुंच
गयी।
गैस
रिसाव
की
चपेट
में
आने
से
आधा
दर्जन
से
अधिक
लोगों
को
चिकित्सालय
में
भर्ती
कराया
गया।
घरों से बाहर निकले लोग
आइस्क्रीम फैक्ट्री से गैस रिसाव की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी। डर और दहशत के चलते लोग घरों से निकलकर बाहर भागने लगे। फैक्ट्री के आसपास रहने वाले लोग परिवार के साथ मोहल्ले को छोड़कर भागने लगे।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
सूचना पाकर मौके पर पुलिस, दमकल कर्मी और प्रशासिनक अधिकारी पहुंच गये। सूचना पाकर मौके पर एसएसपी आरके चतुर्वेदी सहित कई थानों की फोर्स और अधिकारी पहुंच गये। पुलिस अधिकारियों ने आस-पास के घरों से लोगों को निकालने का काम भी किया, ताकि सभी सुरक्षित बच सकें।
आधा दर्जन लोग अस्पताल में भर्ती
गैस रिसाव की चपेट में आने से बीमार हुए आधा दर्जन लोगों को इलाज के लिए पास में स्थित नेशनल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकल कर्मी फैक्ट्री से हो रहे गैस रिसाव को रोकने की कोशिश में लगे थे। फैक्ट्री में लगे सभी गैस पाइपों को बंद करने के बाद भी गैस का रिसाव जारी था। पुलिस और प्रशासन के लोग स्थानीय लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश में लगे थे। एसएसपी ने बताया कि फैक्ट्री से गैस रिसाव पर 90 प्रतिशत तक काबू पा लिया गया है। दमकल कर्मी गैस रिसाव को बंद करने में जुटे हैं।
रात भर क्यों नहीं सोये लोग
इस घटना के बाद फैक्ट्री के आस-पास के लोग रात भर सोये नहीं, तमाम लोगों को डर था कि कहीं रात में लीकेज बढ़ गया और वो सोते-सोते ही मौत के आगोश में चले गये तो क्या होगा। कई लोग तो भोपाल गैस कांड का हवाला देते हुए लोगों को रात भर जागने को कह रहे थे। क्योंकि उस कांड में कार्बन मोनो ऑक्साइड ने सोते हुए लोगों को हमेशा के लिये सुला दिया था।
घनी आबादी वाला है यह इलाका
यह इलाका काफी घनी आबादी वाला है और ज्यादा तर घर सकरी गलियों में बने हुए हैं। लिहाजा ऐसी स्थिति में अगर आग लगने जैसी कोई बड़ी घटना घटती घटती, तो फायर ब्रिगेड का पहुंचना भी मुश्किल हो जाता।
कितनी खतरनाक है अमोनिया गैस
लखनऊ की इस घटना के बाद प्रशासन इसलिये भी ज्यादा तत्पर दिखा, क्योंकि अमोनिया गैस काफी खतरनाक भी हो सकती है। इसकी अधिक मात्रा के संपर्क में आने से पहले त्वचा, नाक, गले में जलन होती है फिर सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। लिहाजा अगर कोई दमे का मरीज इसके संपर्क में आ जाये तो उसकी तत्काल मृत्यु हो सकती है। अगर कंसंट्रेशन यानी सांध्रता कम है, तो खांसी और नाक के अंदर खुजली होती है। ज्यादा देर तक अमोनिया के संपर्क में रहने से फेंफड़े खराब होने का खतरा रहता है। बच्चों की तुलना में बड़ों पर इसका असर ज्यादा होता है, क्योंकि उनके फेफड़े बड़े होते हैं।
अंधा बना सकती है अमोनिया
अधिक मात्रा में अमोनिया गैस के संपर्क में ओने से आंखों में जलन होती है व त्वचा में भी खुजली व जलन होती है। ऐसे में अगर आप ज्यादा देर तक अमोनिया के संपर्क में रह गये, तो आंखों की रौशनी जा सकती है वो भी हमेशा के लिये। वहीं त्वचा जल भी सकती है।
टिकैतराय तालाब निवासी प्रदीप मिश्र उर्फ महमूद की रोली आइस्क्रीम फैक्ट्री में शनिवार की शाम करीब 7 बजे अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा। देखते ही देखते पूरे इलाके में गैस फैल गयी और लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इस बीच फैक्ट्री में लगा एक गैस सिलेण्डर भी फट गया। अचानक गैस का रिसाव तेजी से होने से उसकी दुर्गन्ध काफी दूर तक फैल गयी। कुछ ही देर में गैस का असर टिकैतगंज के अलावा बुलाकी अड्डा, सुपारोस और नंदाखेड़ा तक पहुंच गया।