चिदंबरम की पत्नी और बेटे पर सरकारी जमीन कब्जाने का अरोप
वहीं पी चिंदबरम की पत्नी नलिनी ने इन आरोपों को खारिज किया है। नलिनी और कार्ति के वकील अरुण नटराजन ने कहा है कि यह जमीन 20 साल पहले खरीदी गई थी। इस बारे में सभी दस्तावेज मौजूद हैं। इस पर स्टांप ड्यूटी भी दी गई थी। मगर मछुआरा समुदाय का कहना है कि यह सरकारी जमीन है जिसपर इन लोगों ने अवैध रूप से कब्जा किया है। आपको बताते चलें कि पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम इससे पहले 2जी घोटाले में भी आ चुका है। बीते माह जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर यह आरोप लगाया था कि संदेह के घेरे में आई एयरसेल मैक्सिस डील में चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को जमकर फायदा पहुंचाया गया।
स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए एयरसेल मैक्सिस डील को हरी झंडी दिलवाई थी। पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में स्वामी ने कार्ती और उनके पिता पी चिदंबरम पर कई और गंभीर आरोप लगाए थे। चिट्ठी के साथ स्वामी ने सबूत के तौर पर कार्ती की कंपनियों की बैलेंस शीट और वित्तीय रिकॉर्ड भी पेश किए थे जो चौंकाने वाले थे। स्वामी का कहना था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दस्तावेजों के मुताबिक कार्ती की कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटिजक कन्सल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की सिंगापुर में इसी नाम से सब्सिडियरी कंपनी भी है जो वित्तीय सेवाओं, बीमा और रियल एस्टेट में काम करती है।