नरोदा पाटिया दंगा: मंत्री कोडनानी को 28 साल कैद, बजरंगी को ताउम्र
कोर्ट ने इस मामले में 32 लोगों को दोषी पाया था। सन 2002 में हुए इस दंगे में 97 लोगों की मौत हुई थी। कोर्ट ने इस घटना को लोकतंत्र का सबसे बड़ा धब्बा बताया है। मीडिया से बात करते हुए वकील ने बताया कि कोर्ट ने माना है कि नरोदा पाटिया दंगे के समय महिलाओं के साथ बलात्कार भी किया गया था। अदालत ने बाबू बजरंगी को मरते दम तक कैद में रहने की सजा दी है।
इस मामले में 7 अन्य दोषियों को 21-21 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इस नरसंहार को अमानवीय मानते हुए शेष सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। गोधरा हिंसा के बाद हुए दंगे में सजा पाने वाली माया कोडनानी पहली महिला और महिला विधायक हैं। अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है।
न्यायधीश ज्योत्सना याग्निक की अध्यक्षता वाली अदालत ने बुधवार को माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को हत्या और षड़यंत्र रचने का दोषी पाया था। कोर्ट ने इस मामले में 29 अन्य लोगों को बरी किया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किये, इनमें पत्रकार, डॉक्टर, कई पीडि़त डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे।