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तंबाकू के खिलाफ नोएडा से उठी आवाज पूरे देश तक पहुंचेगी

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Voice against gutkha raised from Noida
दिल्ली(ब्यूरो)। सिगरेट, तंबाकू और गुटखे के खिलाफ सारी दुनिया में अभियान चल रहा है। अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं। सरकारों का इसके लिए विभाग है। कुल मिलाकर सिगरेट के खिलाफ चल रहा अभियान भी अरबों का धंधा है। पर हकीकत यह है कि भारत जैसे देश में इसका कोई असर नहीं दिखता। जो काम सरकारें और दुनिया के तमाम संगठन नहीं कर पाए वो काम यूपी में पंचायतें करने लगी हैं।

नोएडा और उसके आसपास के 40 गांवों के लोगों ने पंचायत कर सिगरेट, तंबाकू और गुटखे से तौबा करने की शपथ ली है। तंबाकू उत्पादों के खिलाफ पंचायतों का आंदोलन बड़ा रुप लेने जा रहा है। उनका प्रयास से यह अलग सारे देश तक पहुंचे। इन गांवों की महापंचायत आगामी 26 अगस्त को नोएडा में बुलाई जा रही है। बस जरुरत है कि सरकार उनके साथ मदद के लिए आगे आए औऱ इसे कामयाब बनाए।

सर्फाबाद, होशियारपुर और सोरखा में पंचायत ने तंबाकू पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका असर आस-पास के गांवों में पड़ा । इसके बाद यह आवाज 40 गांवों तक पहुंच चुकी है। जहा आज गुटखे और सिगरेट पर पाबंदी लग चुकी है। । मुहिम शुरू करने वाले सर्फाबाद गांव के सुखवीर सिंह पहलवान कहते हैं नोएडा के सेक्टर-61 के बारातघर में रविवार को महापंचायत बुलाई गई है। जिसमें तंबाकू जैसे जहर पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाने के लिए योजना बनाई जाएगी। उन्हें भरोसा है कि जल्द ही पूरे इलाके से तंबाकू का नामोनिशान मिट जाएगा।

वह कहते हैं फिलहाल पश्चिमी यूपी से शुरू हुआ आंदोलन हरियाणा और पूरे यूपी में फैलेगा। फिर इसे पूरे देश में फैलान की योजना है ताकि देश का हर इंसान सेहत मंद जिदंगी जी सके। सेक्टर-122 के नजदीक पर्थला खंजरपुर में तंबाकू के खिलाफ पांचवीं पंचायत हुई, इसमें गांव के बुजुर्गो के साथ दुकानदार भी पहुंचे। पंचायत में एकत्र हुए 500 से अधिक लोगों और तंबाकू उत्पादों के विक्रेताओं ने दोनों हाथ उठाकर उनका समर्थन किया। सबसे पहले 22 जुलाई को सर्फाबाद गांव में तंबाकू के खिलाफ हुई पंचायत में 800 लोग जुटे। इसके बाद 23 जुलाई को होशियारपुर में 500, सोरखा में 26 जुलाई को 600, छह अगस्त को बहलोलपुर में 700 लोग जुटे।

इस आंदोलन से जुड़े लोगों को इस बात पर ध्यान देने की जरुरत है कि तंबाकू किसी किस्म का हो सबके खिलाफ अभियान चले। सिगरेट और गुटखे में कोई फर्क नहीं है। दोनों ही खतरनाक है। कुछ लोग इस आंदोलन को महज गुटखा और जर्दा, खैनी तक सिमित रखना चाहते है। यह ठीक नहीं है। आंदोलन हर तंबाकू पदार्थ के खिलाफ चलाने की जरुरत है, तभी गांवों से शुरू हुआ यह आंदोलन सही रुप ले सकेगा।

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English summary
40 Villages in Noida have been decided to ban tobacco products. Now Mahapanchayat is being held on August 26. War against tobacco started from sarfabad now its spread to many parts of Noida.
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