सोनिया के करीब बैठीं माया, ताकते रहे मुलायम
राष्ट्रपति चुनाव में मुलायम ने राजनीति करते रहे हैं कभी कलाम, सोमनाथ चटर्जी का नाम का समर्थन करनेवाले मुलायम मजबूरी में प्रणव का साथ देने को तैयार हुए थे। दूसरी ओर मायावती का रुख पहले दिन से ही साफ था। प्रणव के साथ स्पष्ट रुप से रहने के ईनाम आज उन्हें मिला। यह आनेवाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है। यह संकेत भी है कि मायावती और कांग्रेस करीब आ रहे हैं। हालांकि इस लंच से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल गायब रहे।
एंटोनी को नंबर 2 बनाने से पवार नाराज हैं। वरीयता के लिहाज से वह नंबर 2 का पद चाहते थे। जबकि सोनिया ने कैबिनेट में ईमानदार एंटोनी को नंबर -2 का स्थान दे रखा है। मुलायम की सीट थोड़ी दूर लगाई गई थी। यह एक तरह से संकेत है कि मुलायम की कांग्रेस के लिए कितनी अहमियत है। फिर सुप्रीम कोर्ट से माया को राहत मिल चुकी है। वैसे सोनिया ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी लंच दिया था।
इस बीच टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हामिद अंसारी को समर्थन देने का फैसला कर लिया है। यहां बता दें.राष्ट्रपति चुनाव को लेकर यूपीए की रणनीति कारगर रही थी, और उपराष्ट्रपति चुनाव में भी यूपीए की स्थिति मजबूत है। यूपीए की ओर से हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं और उन्हें टक्कर दे रहे हैं एनडीए के उम्मीदवार जसवंत सिंह। बीजू जनता दल के तटस्थ हो जाने से जसवंत सिंह की स्थिति कमजोर हो गई है। नवीन पटनायक ने कहा है कि वह तटस्थ रहेंगे औऱ तमाशा देखेंगे।
हामिद अंसारी को लेकर यूपीए के सहयोगी दलों समाजवादी पार्टी, बीएसपी और आरजेडी में ज्यादा परेशानी नहीं दिख रही है. वैसे आंकड़ों को अगर देखें तो हामिद अंसारी का पलड़ा जसवंत सिंह के मुकाबले मजबूत ही दिख रहा है। 790 वोट में से 500 से ज्यादा वोट यूपीए उम्मीदवार हामिद अंसारी के पक्ष में नजर आ रहे हैं। इस हालात में हामिद अंसारी का दोबारा उपराष्ट्रपति बनना तय है।