गैंग रेप और अश्लील सीडी मामले पर विधानसभा में हंमागा
राजद सदस्यों ने रसूखदार लोगों के दबाव में आकर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। बीते 14 जून को राजधानी पटना के राजवंशी नगर इलाके में एक किशोरी के साथ कथित सामूहिक बलात्कार मामले और घटना की अश्लील सीडी बनाने के प्रकरण में चौधरी सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। राजद ने सरकार के जवाब पर असंतोष व्यक्त किया और पार्टी के विधायक सदन के बीचो बीच आ गये।
विधायकों ने इस मामले में स्पीडी ट्रायल की मांग की। चौधरी ने कहा कि यह घटना अत्यंत शर्मनाक है। जांच का कार्य पूरा हो जाने पर स्पीडी ट्रायल किया जाएगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। राजद के मुख्य सचेतक सम्राट ने कहा कि गया में जापान की महिला पर्यटक के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुझे रात को नींद नहीं आती है। बिहार की महिला की अस्मिता के सवाल पर चुप्पी बरदाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले में स्पीडी ट्रायल और दोषियों को फांसी दी जाए।
शोर शराबे के बीच राजद के भाई बीरेंद्र ने एक अखबार की प्रति लहराते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। विधानसभाध्यक्ष सरकार को बचाने में लगे हैं। सम्राट ने कहा कि पुलिस इस मामले में प्रमुख आरोपियों रिषभ और सौरभ को बचाने में लगी है। एक नौकर जिसका नाम दिनेश है उसे सौरभ के रूप में पेश किया जा रहा है। सबसे शर्मनाक बात है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक ने इस घटना की जानकारी होने के बाद मामला दर्ज करने से इनकार किया, जबकि अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में प्रावधान है कि घटना सामने के बाद मामला दर्ज करना होता है।
उन्होंने कहा कि महिला आयोग ने 18 जुलाई को ही पीडिता से पूछताछ के बाद मामला दर्ज करने को कहा था, लेकिन पुलिस की ओर से आनाकानी की गयी। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि पुलिस ने साक्ष्य एकत्र कर लिये हैं। उसे अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजा गया है। जांच कार्य जारी है। इस मामले को लेकर बीते चार अगस्त को भी सदन में हंगामा हुआ था। इस मामले में विपक्ष द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव को विधानसभाध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में परिवर्तित कर दिया था।
सम्राट चौधरी ने अध्यक्ष से कहा कि इस मामले को स्थगित कर विशेष बहस करायी जानी चाहिए। इस मामले में सत्तापक्ष के एक विधायक का नाम घसीटे जाने के बाद उन्हें मानहानि का मामला दर्ज कराना पड़ा है। विधानसभाध्यक्ष उदयनारायण चौधरी ने सरकार से विस्तार में जवाब देने को कहा। बाद में सरकार की ओर से पूरक प्रश्नों का भी जवाब दिया गया। शोर शराबे के बीच विधानसभाध्यक्ष ने सदन की बैठक भोजनावकाश के लिए दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी। इस मामले को लेकर विधानपरिषद के बाहर भी हंगामा हुआ। राजद के सदस्यों ने परिषद के मुख्यद्वार के सामने प्रदर्शन और नारेबाजी की।