दिल्ली के जनकपुरी में छतों पर उगती हैं हरी सब्जियां
दिल्ली के जनकपुरी में कई लोग छतों पर सब्जियां उगा कर बाहर से सब्जी खरीदने की झंझट से मुक्त हो चुके हैं। इस काम में गैर सरकारी संस्था दिग्विजय यज्ञ लोगों की मदद कर रही है। संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर बीएन मिश्रा ने बताया कि इस योजना की शुरुआत उन्होंने अपने मकान की छत से की है। आमिर खान के टेलीविजन शो सत्यमेव जयते देखने के बाद लोगों में जैविक खेती को जानने की उत्सुकता बढ़ी है।
दूध, अनाज, फल, सब्जी और अब मिलावटी आइसक्रीम- इन सब से परेशान दिल्ली वालों ने कम से कम स्वच्छ सब्जी उगाने के लिए अपने घर के छतों को ही खेत बना लिया है। दक्षिणी दिल्ली से शुरू होकर, पश्चिमी व उत्तरी दिल्ली के बड़े हिस्से में लोग अपने घरों के छतों पर किचन गार्डन विकसित करते जा रहे हैं। बाहरी दिल्ली के गांव-देहातों में कई जगह जैविक खेती का चलन जोर पकड़ रहा है। यह सब कलरफुल व सीवर के पानी से सिंचाई वाली सब्जी से अपने व अपने परिवार की सेहत को बचाने के लिए चल रहा ग्रीन रिवोल्यूशन जैसा है।
दिल्ली सरकार के डॉक्टर व दिग्विजय यज्ञ संस्था के अध्यक्ष डॉ. बी.एन.मिश्रा कहते हैं, मिलावटी खानपान और सब्जी की वजह से दिल्ली के हर घर में एक से अधिक सदस्य पेट की बीमारी से जूझ रहा है। खानपान में मिलावट से उसका पोषक तत्व तो समाप्त हो ही जाता है, वह विषैला रूप ले लेता है। इससे उल्टी, दस्त, अपच जैसी बीमारियां स्थाई रूप लेती जा रही हैं। इससे आजिज होकर लोग अपने घरों में ही सब्जी उगाने लगे हैं।
ऑल इंडिया किचन गार्डन एसोसिएशन की अध्यक्ष बेला गुप्ता कहती हैं कि हौज खास, वसंत कुंज, गुलमोहर पार्क, वसंत विहार आदि में बड़ी संख्या में लोग अपन घरों की छत पर ही सब्जी उगाते हैं। नींबू, टमाटर, धनिया, बैंगन, भिंडी, शिमला मिर्च, मिर्च, तोरई, टिंडा, पुदीना, करेला, लोबिया जैसी सब्जियां लोग खुद ही उगा और खा सकते हैं। यह सेहत के लिहाज से अपने, अपने परिवार व पूरी दिल्ली के लिए उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।