डाइबीटीज और दिल के रोगी भी रख सकते हैं रोज़ा
पर ऐसे रोगी भी चिंता न करें रमजान के महीने में वह भी रोजा ऱख सकते हैं पर उन्हें थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है।
रमज़ान का महीना औऱ सेहत को लेकर एक हैदराबादी डाक्टर आबिद ने एक पुस्तक 'रमजान और हमारी सेहत लिखी है जिसमें उन्होंने रमजान के दौरान 22 प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को कैसे रोजा रखे के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उनका कहना है कि यदि इन तरीकों का पालन किया जाए तो कोई भी रोगी रमजान में रोज़ा रख सकता है।
हालांकि मधुमेह रोगियों को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि जिस प्रकार से मौसम बदल रहा है उससे मधुमेह रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीयों का मेटाबालिक सिस्टम थोड़ा थोड़ा और कम से कम तीन बार खाने का आदी होता है, ऐसे में ज्यादा देर तक भूखे रहने और एक साथ खूब सारा तला भुना खा लेने से तबीयत बिगड़ सकती है और डाइबीटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। इसलिए रोजा रखने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें।
रोज़ा में कैसे रहें मरीज
रोज़ा के दौरान ऐसे रोगियों को ताजे फल, दही, दूध, सलाद, फाइबर वाली चीजें ज्यादा लेनी चाहिए। मरीजों को डीप फ्राइड चीजों से बचना चाहिए। पेट की समस्या हो तो पपीता खाएं। ज्यादातर भूखा रहने से ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है इसलिए नीबू पानी पिएं। डाइबीटीज के मरीज डाक्टर की सलाह पर दवाएं जरूर लें। खाना हर हाल में रात्रि में 9 बजे के पहले खा लें और ज्यादा एक्सरसाइज न करें। सहरी में दलिया जरूर खाएं।