सुलझेगा मोनालिसा की मुस्कान का रहस्य, मिला कंकाल
डेली मेल की खबर के अनुसार इटली में भू-वैज्ञानिकों ने फ्लोरेन्स में एक कॉन्वेन्ट के फर्श में दबा कंकाल खोजा है। उनका कहना है कि यह कंकाल लीजा घेरार्दिनी की है। घेरार्दिनी एक अमीर सिल्क व्यापारी फ्रान्सिस्को देल जियोकोन्दो की पत्नी है। ऐसा बताया जाता है कि वह पति की मौत के बाद नना बनकर जीवन यापन करने लगी थी।
भू-वैज्ञानिकों ने कइस कॉन्वेंट की खुदाई पिछले साल शुरू की थी। उनको एक ताबूत मिला, जिससे महिला का कंकाल बदामद किया गया है। इसको मोनालिसा का ताबूत बताया जा रहा है। इस ताबूत में एक खोपड़ी, पसलियां और रीढ़ की हड्डियां मिली है।
हड्डियों की जांच कर पता लगाया जाएगा कि क्या वह पिछले साल मिली खोपड़ी से मिलती हैं। हड्डियों के डीएनए की तुलना मॉडल के दो बच्चों के अवशेषों से की जाएगी। अगर यह पता चल जाता है कि कंकाल और खोपड़ी मॉडल की हैं तो फॉरेन्सिक विशेषग्य उसका चेहरा तैयार कर यह पता लगाएंगे कि क्या वह 500 साल पहले दा विन्सी द्वारा तैयार चित्र से मिलता है?
यह सब मोनालिसा की मुस्कान का रहस्य खोजने के लिए किया जाएगा। पुरातत्वविद सिल्वानो विन्सेटी को अखबार में यह कहते हुए उद्धृत किया गया है हम नहीं जानते कि क्या हड्डियां एक ही कंकाल की हैं या एक से अधिक कंकालों की हैं। लेकिन इससे हमारी इस धारणा की पुष्टि होती है कि सेंट उर्सुला कॉन्वेन्ट में अब भी मानव हड्डियां हैं और हो सकता है कि उनमें लीजा घेरार्दिनी की भी हड्डियां हों।
दा विन्सी ने यह चर्चित तैलचित्र 1503 या 1504 में बनाना शुरू किया था और 1519 में इसे पूरा किया। फिर वह फ्रांस चले गए और उनकी मौत हो गई। इटली में ला जियोकोन्डा कहलाने वाली इस पेंटिंग को दुनिया की सर्वाधिक चर्चित पेंटिंग माना जाता है। इसका स्वामित्व फ्रांसीसी सरकार के पास है।