गोरखपुर परमाणु संयंत्र की जनसुनवाई हंगामे की भेंट चढ़ी
प्रदेशभर में सुनवाई को लेकर तनाव का माहौल था। प्रशासन ने किसी भी अवांछित घटना से निपटने के लिए तगड़े प्रबन्ध किए थे। गांव को छावनी में तब्दील किया गया था। घोड़ा पुलिस और पानी की बौछार फेंकने वाली वाटर कैनन गाड़ी की भी तैनाती की गई थी। ग्रामीणों के हंगामें पर प्रशासन ने सयंम नहीं खोया। हंगामें के बीच सवाल जवाब चलते रहे। सांसद अशोक तंवर गोरखपुर जाने वाले रास्तें पर देखे गए मगर उन्हें कुम्हारियां से ही वापिस लौटाना पड़ा। किसान संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज सिवाच और परमाणु विरोधी वैज्ञानिकों ने सरकार, प्रशासन व एनपीसीआईएल के अधिकारियों को काफी खरी-खोटी सुनाई। किसान नेता हंसराज, राजकुमार व परमाणु वैज्ञानिक राजेन्द्र शर्मा ने सवाल उठाया कि परमाणु संयंत्र लगने से क्षेत्र का तापमान बढ़ जायेगा, उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण ठीक नहीं है। ग्रामीणों ने जनसुनवाई के लिए एक माह समय न देने का भी आरोप लगाया।
घनी आबादी में प्लांट लगाने का मुद्दा भी उठा। लोगों ने रेडिएशन सुरक्षा सम्बंधी सवाल किए। वैज्ञानिकों ने सभी सवालों के जवाब दिए मगर वे खफा एवं उदेलित ग्रामीणों को सन्तुष्ट नहीं कर पाए। हंगामा व शोर इतना था कि वैज्ञानिकों के जवाब जनता तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे। ग्रामीणों के हंगामें से उपायुक्त काफी निराश दिखे। एक बार तो उन्होंने ग्रामीणों के असहयोग रवैये को देखकर सुनवाई बीच में समाप्त करने की घोषणा कर दी, मगर अधिकारियों के कहने पर पुन: कार्रवाई शुरु हुई। इस बीच प्रशासन को पता चला कि कुलदीप बिश्नोई का काफिला सेमिनार स्थल में प्रवेश कर गया। इस पर प्रशासन ने जन सुनवाई सम्पन्न करने की घोषणा कर टकराव टाल दिया। जनसुनवाई समाप्ति की घोषणा होते ही प्रशासनिक अधिकारी, वैज्ञानिक व पुलिस फोर्स स्टेडियम से रवाना हो गए और मंच पर हजकां व इनेलो का कब्जा हो गया। दोनों पार्टियों के वर्कर अपने नेता को खुश करने व शक्ति प्रदर्शन के लिए जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आए। कुलदीप लोगों के बीच जा घुसे तो अभय चौटाला ने भाषण देकर अपनी बात रखी। दोनों नेताओं ने साफ कहा कि किसी कीमत पर परमाणु संयंत्र नहीं लगने देंगे।
नहीं होने देंगे भूमि अधिगृहण- अभय चौटाला
इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा है कि वह सरकार को किसानों की उपजाऊ जमीन अधिग्रहित नहीं करने देंगे। उनकी पार्टी सत्ता में आई तो गोरखपुर परमाणु संयंत्र रद्द होगा। श्री चौटाला आज यहां रेस्ट हाऊस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। ताऊ देवीलाल द्वारा संयंत्र लगाने की चि_ी पर अभय चौटाला ने कहा तब और अब के हालातों में काफी फर्क आ गया है। आज हम पाकिस्तान की मिंजाईल रेंज में है। अभय चौटाला ने आज हुई जन सुनवाई को असवैंधानिक करार देते हुए कहा सुनवाई से पहले एक माह का नोटिस जरूरी होता है मगर सरपंच को कल ही बताया गया। जन सुनवाई में लोगों को रोकने के लिए धारा १४४ लगा दी गई। दशहत फैलाने के लिए हजारों सिपाहियों की तैनाती की गई।
श्री चौटाला ने प्रहलाद सिंह व सांसद तवंर पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। झाड़ली व यमुनानगर प्लांट में एक मंत्री पर भारी कमीशन खाने का आरोप जड़ते हुए कहा कि कमीशन खोरी की वजह से घटिया मशीनरी लगाई गई इसलिए थर्मल प्लांट ठप्प पड़े है। राष्ट्रपति चुनाव में इनेलो के रुख पर श्री चौटाला ने कहा इस बारे में कल प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया जाएगा। इस अवसर पर रणबीर सिंह प्रजापत, रणबीर बैनीवाल, सुमनलता सिवाच, बीकर सिंह हड़ौली, हरिसिंह डांगड़ा, राकेश सिहाग, इनेलो जिला प्रधान निशान सिंह, पूर्व विधायक सीताराम, स्वतंत्र चौधरी, कुलजीत कुलडिय़ा, बलवान दौलतपूरिया, अग्रेज सिंह लाली, सुरेन्द लेगा, जसपाल सिंह, महाबीर बागड़ी सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
सांझे संघर्ष की होगी जीत- कुलदीप बिश्रोई
हजकां सुप्रीमों कुलदीप बिश्नोई आज अपने सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ गोरखपुर में आयोजित सेमिनार में पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आखिरकार हमारे और आपके सांझे संघर्ष की जीत हुई। हमारी सांझी ताकत के कारण सरकार को बैकफुट पर लौटना पड़ा। जिस तरह से आज हम सब के संघर्ष ने अवार्ड घोषित नहीं होने दिए, उसी तरह से भविष्य में भी किसानों की मर्जी के खिलाफ उनकी एक इंच भूमि भी हथियाने नहीं दी जाएगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि किसानों की मर्जी के खिलाफ उनकी उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए और न ही किसानों की जमीन को जबरदस्ती हथियाने देंगे। उन्होंने कहा यदि भूपेंद्र हुड्डा परमाणु संयंत्र को इतना अनिवार्य व मानव हितैषी समझते हैं तो वे इस प्लांट को अपने गृह क्षेत्र सांघी की बंजर भूमि में लगाएं। उन्होंने कहा यदि हुड्डा वास्तव में हिसार व फतेहबाद के लोगों का हित चाहते हैं तो रोहतक में लगाए गए पांचों कारखानों को यहां स्थानांतरित करवाएं। इस अवसर पर महाबीर प्रसाद, मोलूराम रूलहानिया, निहाल सिंह मताना, राजेंद्र काका चौधरी, मंगतराम लालवास, कुलदीप भांभू, सुभाष खिलेरी, कुलवंत बराड़, रणधीर सिंह धीरा राजकुमार मौजूद थे।