संगमा बोले एक बार फिर बिखर जायेगी कांग्रेस
श्री संगमा ने कहा कि राष्ट्रपति किसी दल का उम्मीदवार नहीं होता इसलिए 1969 की तरह इस बार लोग अपनी अन्तर्रात्मा की आवाज पर वोट देकर उन्हें जिताएंगे। उन्होंने कहा कि 1969 का इतिहास दोहराएगा और कांग्रेस एक बार फिर बंटेगी। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं हैं, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और वह भी निर्दलीय हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में संविधान के अनुसार व्हिप जारी नहीं होता, मतदाता को अपने विवेक के अनुसार किसी को भी वोट देने का अधिकार है। इसलिए मुझे भरोसा है कि 1969 में जो हुआ वह फिर होगा। श्री संगमा ने प्रणव मुखर्जी को सीधे तौर पर महंगाई, भ्रष्ट्रचार, जीडीपी कम होने और रूपये के ऐतिहासिक अवमूल्यन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग से कोई शिकायत नहीं है। आयोग का जवाब उन्हें मिल गया है और आज शाम वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के आवास पर विधिक टीम की बैठक होगी, जिसमें आयोग के जवाब पर विचार किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने राजग के घटक जनता दल यू और समाजवादी पार्टी का समर्थन पाने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों को उपकृत किया और योजना आयोग के माध्यम से अधिक राशि आवंटित की।
इसी प्रकार बसपा का समर्थन पाने के लिए सीबीआई का दुरूपयोग किया। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से बातचीत के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सुश्री बनर्जी ने पहले चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया था लेकिन अब उनका निर्णय बदला है और वह किसे वोट देंगी यह आगामी 19 जुलाई को होने वाले चुनाव से कुछ समय पूर्व तय करेगीं।
संगमा ने सुश्री बनर्जी से हुई बातचीत को सकारात्मक बताया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए आदिवासी कार्ड के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि देश में सवर्ण, दलित, सिख, मुस्लिम और महिला राष्ट्रपति चुने गये लेकिन अब तक कोई आदिवासी राष्ट्रपति नहीं बना, इसलिए उन्होंने आदिवासी होने के के नाते वोट मांगा है और कांग्रेस नेता अरविन्द नेताम का उन्हें समर्थन मिला। यही नहीं वे संगमा की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि वे अपने दम पर राजनीति करते हैं और अगर राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें हार मिली तो वे किसी दल में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के सभी सांसदों व विधायकों से समर्थन की अपील करने आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल मुद्दे के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वे अपने मुद्दे पर आज भी कायम हैं और इससे हटने का कोई सवाल नहीं।