इंसाफ के लिये कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं संगमा
शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि प्रणव राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी के समय कम से कम दो स्थानों पर लाभ के पद पर बने हुए है जो अवैधानिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रणव अभी भी रवीन्द्र भारती सोसाइटी के अध्यक्ष हैं और बीरभूम इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी के उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश की सभी पार्टियों के विधायकों एंव सांसदों से और निर्दलीय विधायकों तथा सांसदों से राष्ट्रपति चुनावों में समर्थन मांगा और कहा कि वह अपनी पार्टी की तय लाइन छोडकर अपनी आत्मा की आवाज पर उन्हें अपना मत दें।
अपनी बेटी तथा केन्द्र सरकार में मंत्री अगाथा संगमा के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर संगमा ने कहा कि वह समझदार है तथा देश को संभाल रही है। ऐसे में वह अपनी आत्मा की आवाज पर अपनी समझदारी के हिसाब से स्वयं तय करेगी कि उसे इन चुनावों में किसे मत देना है। संगमा ने कहा कि यदि विधायकों और सांसदों ने अपनी आत्मा की आवाज के आधार पर मतदान किया तो उन्हें कोई संदेह नही है कि वह देश में एक बार फिर 1969 दोहराया जायेगा जब सत्ताधारी कांगे्रस पार्टी समर्थित उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को हराकर इंदिरा गांधी समर्थित वीवी गिरी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
उन्होने कहा कि अपने समर्थन के लिए उनकी जदयू और शिवसेना से की गयी अपील भी कायम है और उन्हें विश्वास है कि अंतिम समय में ये दल भी उनका ही समर्थन करेंगे और चुनाव परिणाम चौकाने वाले होगें। संगमा ने कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव निर्दलीय उम्मदीवार के तौर पर लडा जाता है और पार्टी व्हिप से हटकर मतदान करने पर किसी के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई नही की जा सकती। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही संसद में बिरसा मंुडा की प्रतिमा लगायी गयी थी जो किसी भी आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी की वहां लगायी गयी पहली मूर्ति थी।
उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि केन्द्रीय मंत्री के तौर पर वह जब भी यहां आये उन्होंने बिरसा मुडा के दर्शन किये और उनकी प्रतिमा को फूल चढ़ाए। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और आज्सू के अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर संगमा ने कहा कि दोनों ने ही उन्हें सकारात्मक रूख दिखाया और कहा कि वह राष्ट्रपति चुनावों में किस को अपना मतदान देंगे इस पर शीघ्र फैसला करेंगे। संगमा ने झारखंड के विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह और अन्य अनेक नेताओं से भी मुलाकात की और 19 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनका समर्थन मांगा।