फीस ना भरने पर प्रिंसिपल ने छात्र पर मढ़ा 'गे' का कलंक
प्राप्त जानकारी के अनुसार गौतम (बदल हुआ नाम) ने सेंट जॉर्ज हाईस्कूल में जून 2011 में एडमिशन लिया और 15 हजार रुपये फीस दी। करीब एम महीने बाद गौतम को क्लास टेस्ट देने से रोक दिया गया और पिता रामनाथ (बदला हुआ नाम) को स्कूल के प्रिंसिपल से मिलने के लिये बुलाया गया। रामनाथ को बताया गया कि उनके बेटे ने हॉस्टल के कुछ लड़कों से लड़ाई की है और वॉडर्न ने डार्क रूम में बंद कर दिया है।
रामनाथ अपने बेटे गौतम को घर ले आए और एक दिन बाद फिर उसे स्कूल भेजा। स्कूल ने गौतम को स्कूल में रखने से इंकार कर दिया जब रामनाथ ने गौतम के लिये अलग टीचर रखने के लिये 7 हजार रुपये देने में असमर्थता जताई। रामनाथ के पैसे न देने तक स्कूल ने ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी देने से मना कर दिया। उसके बाद रामनाथ ने कंज्यूमर फोरम में गुहार लगाई।
फोरम ने प्रिंसपिल को 15 दिनों के भीतर ट्यूशन फीस लौटने के साथ 5,000 रुपए का कॉम्पेंसेशन भी देने के निर्देश दिए। हांलाकि प्रिंसिपल इस बात पर कायम है कि गौतम दूसरों बच्चों को परेशान करता है। प्रिंसिपल ने कहा कि वह दूसरे बच्चों के साथ गे सेक्स की कोशिश कर रहा था। उसे स्कूल से नहीं निकाला गया था लेकिन वह 10 अक्टूबर, 2011 से लगातार स्कूल नहीं आया।