प्रणव दादा के नामांकन पर संगमा ने उठाया सवाल
संगमा का कहना है कि प्रणव लाभ के पद पर है इसलिए वे राष्ट्रपति पद के लिए योग्य नहीं है, उनका नामांकन रद्द करना चाहिए। जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी ने भी लाभ के पद पर होने के कारण प्रणव का नामांकन रद्द करने की मांग की है। खैर अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान लाभ का पद है कि नहीं।
इस आरोप के जवाब में जब पवन कुमार बंसल से पूछा गया तो उन्होंने कहां कि हम लोग जवाब देंगे। कांग्रेस के लिए लाभ के पद को लेकर विवाद पहली बार नहीं है। सन 2006 में सोनिया गांधी के ऊपर पद के लाभ का आरोप लगा था, जिसके कारण उनको लोकसभा से इस्तीफा भी देना पड़ा था। अब राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी पर प्रणव मुखर्जी भी इसके घेरे में आ गये है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए बनाए गये चुनाव अधिकारी को एक पत्र द्वारा बताया गया है कि प्रणव ने लाभ के पद पर रहते हुए राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरा, लाभ के पद के कानून के तहत उनका नामांकन रद्द किया जाए। अब देखा है कि प्रणव दादा पर लगा आरोप क्या सच होगा? अगर ऐसा होता है तो क्या उनका नामांकन रद्द किया जाएगा।