शराब छोड़ना मुश्किल है, नामुमकिन नहीं : सत्यमेव जयते
रंग लाएगी हमारी फाकामस्ती एक दिन
(मिर्जा गालिब)
जी हाँ दोस्तों अभी शो सत्यमेव जयते देखा शो देखते हुए गालिब की कुछ पंक्तियाँ याद आईं। खैर मिर्जा गालिब द्वारा ऊपर लिखी पंक्तियों को पढ़ कर आप समझ ही चुके होंगे कि बात शराबियों की हो रही है जो हमारे समाज में आज एक नासूर बन चुका है। मैं यहां किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि हमारे समाज की उस युवा पीढ़ी की बात कर रहा हू जो शराब के नशे में अपनी जिंदगी ढूँढने में लगी हुई है।
यहाँ मुद्दा शराब का है बात हमारे समाज के उन लोगों की है जो शराब और उसके नशे की गिरफ्त में हैं। लेकिन आगे बढ़ने से पहले आइये आपको बताते चलें कि इंसान शराब की बोतल को आखिर उठाता क्यों है । क्यों उसे लगाता है कि शराब का प्याला अपने होंठों से लगाने पर उसकी जिंदगी में चल रही सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी ।
मित्रों अगर मनोवैज्ञानिकों की नजर से देखें तो आज का इंसान इस भाग दौड़ भरी जिंदगी से ऊब चुका है, सकून की तलाश ही उसे मयखाने की ओर ले जाती है और यही से शुरू हो जाता है उसकी बबार्दी का सफर जो न सिफ उसे अंधेरे की ओर ले जाता है बल्कि उससे जुड़े सभी लोगों पर इसका असर होता है।
उसके पास इतनी चिंताएं और कुंठाएं हैं कि उनसे बचने के लिए और अपने अन्दर छुपी कुंठाओं को निकालने के लिए शराब को सबसे अच्छा जरिया मानता है। अगर हम बात आज के युवा की करें तो आज का युवा दिग्भ्रमित है। उसे अपने चारों तरफ बस ग्लैमर ही ग्लैमर दिखता है और इसी के चलते वो मयखाने में बैठ शराब के प्याले को अपने होंठों से लगाता है।
दोस्तों मैं आपसे ये बिलकुल नहीं कहूंगा शराब बुरी चीज है या उसे नहीं पीना चाहिए या फिर ये कहें कि शराब आपको और आपकी जिंदगी दोनों को बर्बाद कर सकती है क्योंकि मुझे पता है ये सब बातें आपको पता है दूसरी बात आप खासे जानकार भी है आपको अपडेट रहना पसंद है शराब और उसके असर पर आपने ढेरों जगह पढ़ा होगा। बस मै आपसे एक प्रश्न करना चाहुंगा कि आखिर क्या वजह जो इंसान को शराबी बनाती है।
दोस्तों जैसा की हम आपको पहले बता चुके हैं कोई भी व्यक्ति शराब का सेवन तभी करता है जब या तो उसे शराब का शौक हो और दूसरा जब उसके आसपास मौजूद रहने वाले उसके दोस्त और करीबी उसे इसकी लत लगा दें। जब भी इंसान शराब का पहला जाम उठाता है तो उसे लगता है ये उसके हर ग़म को कम कर देगी और इससे उसकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। मगर असल में ऐसा कुछ भी होता नहीं है ।
इस बारे में जाने माने मनोवैज्ञानिक से बात करने पर चौकाने वाले तथ्य पता चले, उनके अनुसार शराब को पहली बार पीने वाले व्यक्ति के मन में खुद को बड़ा दिखाने की चाहत होती है, उसे लगता है की ये एक ऐसा जरिया है जो उसे आम आदमी से ख़ास बना सकता है। उसे समाज में एक खास दर्जा और एक अहम मुकाम हासिल करा सकता है । लेकिन दोस्तों ये सब भ्रम है ये आपको और आपकी सेहत बर्बाद कर देगी। आपके जीवन को नरक बना देगी।
जहाँ
एक
तरफ
आप
को
लगता
था
कि
आप
आम
से
खास
बनने
की
ओर
हैं
तो
वहीं
दूसरी
तरफ
इसको
पीने
का
बोझ
इतना
भारी
होगा
की
आप
का
संभालना
मुश्किल
हो
जायगा
।
आज
आप
अपने
पैसों
से
पी
रहे
हैं
कल
उधार
की
पीयेंगे
और
एक
दिन
ऐसा
आएगा
शराब
के
लिए
आप
जुर्म
की
दुनिया
में
अपना
पहला
कदम
रख
देंगे।
अभी
भी
वक़्त
है
अपने
को
और
अपनी
जिंदगी
को
सुधारें
आज
ही
प्रण
करें
बल्कि
इसी
वक़्त
से
शराब
से
तौबा
करें।
सत्यमेव
जयते