एक बार फिर भारत पर मंडरा रहे हैं मंदी के काले बादल: कौशिक बसु
बसु ने कहा है कि मंहगाई में 7 फीसदी कमी आ सकती है मगर वो भी सितंबर के बाद ही। मीडिया से बातचीत के दौरान बसू ने कहा कि अक्टूबर माह के बाद अर्थ व्यवस्था में रफ्तार पकड़ सकती है। कौशिक बसु का मानना है कि रुपये में कमजोरी आना देश के लिये व्यापार घाटा कम करने का अच्छा मौका है। सरकार में बैठे लोगों के बारे में बोलते हुए बसु ने कहा कि अर्थिक सुधार में तेजी का लाने का फैसला सिर्फ वही कर सकते हैं।
बसु ने कहा कि ग्रोथ को बढ़ाने के लिए सरकार और उद्योग को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। हालांकि, सरकार और उद्योग के बीच भरोसे की कमी है। कौशिक बसु का मानना है कि रुपये में कमजोरी आना देश के लिए व्यापार घाटा कम करने का अच्छा मौका है। कमजोर रुपये की वजह से निर्यात में बढ़ोतरी नजर आ सकती है। खैर मामला कुछ भी हो मगर एक बार मंदी की चोट ने भारत को लगभग खोखला ही कर दिया था। ऐसे में सरकार और सरकार में बैठे लोगों से आम आदमी की यही गुहार है कि कुछ भी कर इस बार भारत को मंदी की गिरफ्त से दूर करें।