सिंगूर मामला: रतन टाटा की जीत, ममता को लगा झटका
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का पद संभालते ही यह विधेयक पारित किया था। आपको बता दे कि टाटा मोटर्स को पूर्ववर्ती लेफ्ट सरकार द्वारा हुगली जिले के सिंगूर में 997 एकड़ भूमि आवंटित की गयी थी। टाटा को यह जमीन नैनो कार प्लांट के प्रोजेक्ट के लिए आवंटित की गयी थी। ममता द्वारा पारित किये गये विधेयक के अनुसार टाटा के समझौते को रद्द करते हुए किसानों की जमीन वापस दी जानी थी।
इसके विरोध में टाटा ने कोलकाता हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसने पिछले साल इस विधेयक को सही ठहराया था, लेकिन आज हाईकोर्ट के फैसले ने ममता सरकार को तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के विरोध में ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। पश्चिम बंगाल में होते इस विरोध को देखते हुए टाटा अपना प्रोजेक्ट लेकर गुजरात चली गयी थी।
जिस समय टाटा मोटर्स के प्रोजेक्ट के लिए जमीन का आंवटन किया गया था उस समय तृणमूल कांग्रेस विपक्ष में बैठी हुई थी। तृणमूल कांग्रेस ने तत्कालीन सरकार से 400 एकड़ जमीन किसानों की वापस देने की मांग की थी। उसके बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए टाटा मोटर्स अपना प्रोजेक्ट गुजरात लेकर चली गयी थी। जिस समय भूमि आवंटित की गयी थी उस समय टाटा को लोगों को भारी विरोध भी झेलना पडा था।