मुश्किल में पाकिस्तान, परवेज पर भी उठे सवाल
राजा परवेज अशरफ का नाम पीपीपी ने नामित किया है, लेकिन अशरफ के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लग चुके है। एक समय ऐसा आया था जब अशरफ को इन्ही आरोपो की वजह से कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। वे जल और उर्जा मंत्री का पद भी संभाल चुके है। अब उनकी दावेदारी पर भी सवालियां निशान खड़े हो गये है। राजनीतिक दलों में भी विरोध देखा जा सकता है।
आपको बता दे कि राजा परवेज अशरफ भुट्टो परिवार के बेहद वफादार हैं और पंजाब के रावलपिंडी के राज परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए दूसरी पसंद थे लेकिन पार्टी के उम्मीदवार मखदूम शहाबुद्दीन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद वह मुख्य उम्मीदवार बन गए।
शहाबुद्दीन के खिलाफ उनके स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में हुए एक घोटाले के सिलसिले में वारंट जारी हुआ। वहीं अशरफ भी बिजली परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत की जांच का सामना कर रहे हैं। वह 2002 में गठित पीपीपी (पार्लियामेंटेरियंस) के महासचिव थे जिसे पीपीपी ने राजनीतिक दलों के लिए बनाए गए चुनावी नियमों के पालन के लिए गठित किया था। रावलपिंडी के गुजर खान संसदीय क्षेत्र से वह 2002 और 2008 में विजयी रहे और दो बार यूसुफ रजा गिलानी के कैबिनेट में रहे।