ध्यान बंटाने और मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए नीतीश ने दिया बयान: पासवान
यह बिहार में भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की समस्या से जनता का ध्यान बंटाने और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लाभ पहुंचाने के लिए दिया गया बयान है, जहां जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लोकसभा चुनाव 2014 को बहुत दूर बताते हुए उन्होंने कहा, यह बिना मतलब का छेड़ा हुआ अप्रासंगिक मुद्दा है। लोजपा नेता ने कहा, हंसुआ के बियाह में खुरपी के गीत गाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, नीतीश के बयान से दो प्रकार की राजनीति हो रही है। नरेंद्र मोदी को ध्यान में रखकर की गयी बात से गुजरात में मुस्लिम वोटों का धु्रवीकरण होगा, जिससे भाजपा के मुख्यमंत्री को एकमुश्त हिंदू वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
दूसरी राजनीति बिहार की वर्तमान सरकार के कार्यकाल की समस्याओं से ध्यान बंटाने की हो रही है। जारी भाषा राय पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार कभी सेकुलर नहीं रहे हैं यह अतीत में उनके क्रियाकलापों से साफ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, नीतीश ने लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर कभी आपत्ति नहीं की जो बाबरी ढांचा विध्वंस के आरोपी रहे हैं। गोधरा दंगों को लेकर तत्कालीन राजग सरकार से रेलमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया और न ट्रेन में आग की घटना की जांच कराई।
इसके अलावा बिहार में तीन जून 2011 को फारबिसगंज गोलीकांड को लेकर नीतीश कुमार ने लीपापोती कर दी। इससे स्पष्ट है कि नीतीश सेकुलर नहीं हैं। पासवान ने नीतीश से सवाल किया, जब भाजपा का हिंदुत्व का एजेंडा स्पष्ट है तो नीतीश ने मिलकर सरकार क्यों बनाई है? यही कारण है कि भाजपा के मंत्री गिरिराज सिंह ने भी मुख्यमंत्री को छद्म सेकुलर करार दिया है।