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देश में घमासान, मनमोहन के आठ मंत्री अमेरिका में

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Manmohan Singh
दिल्ली (ब्यूरो)। देश में इस समय राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घमासान मचा हुआ है पर मनमोहन सरकार के आठ मंत्री इस समय वाशिंगटन डीसी से ही इस सियासी दांव पेंच पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है न ही इसका कोई सीधा संबंध राष्ट्रपति चुनाव से है पर जिस प्रकार से देश में इस चुनाव को लेकर गोटियां बैठायी जा रही हैं इसमें इन आठों मंत्रियों को कम से कम इस समय तो देश में होना ही चाहिए था। वैसे ये मंत्री कोई गर्मी का छुट्टी मनाने अमेरिका नहीं गए हैं बल्कि वे भारत औऱ अमेरिका के बीच सामरिक वार्ता के लिए उपस्थिति हुए हैं पर एक साथ इतने मंत्रियों को देखकर कोई भी देशवासी तो यही समझेगा कि मंत्री महोदय इस वार्ता के बहाने अमेरिका में मौज कर रहे हैं।

हालांकि इतने मंत्रियों का क्या वाकई इस वार्ता में जरूरत थी या फिर ऐसे ही आठों मंत्री अमेरिका में डेरा डाले हुए है। वह भी ऐसे समय जब अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। जो मंत्री इस समय अमेरिका में हैं उसमें विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, कपिल सिब्बल, कृष्णा तीरथ समेत पांच अन्य नाम भी हैं जो इस समय अमेरिका में डेरा डाले हुए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि अन्य मंत्रियों को तो छोड़ दें पर इस समय यदि किसी की कमी खल रही है तो कपिल सिब्बल की जो इस राजनीति के अखाड़े में सबसे धारदार साबित होते। गुणा गणित और अपनी चतुराई से जिस प्रकार से वह चीजों को अपने पक्ष में कर लेते हैं उससे न केवल सत्ता दल को फायदा होता बल्कि नए समीकरण का आगाज भी हो जाता।

वैसे चर्चा यह भी है कि यदि वह देश में होते तो संभव है कि मुलायम सिंह के साथ उनके बेहतर तालमेल और संबंधों के नाते कुछ नए समीकरण उभरकर सामने आते और वे ममता को उनके ही गलियारे में पटकनी दे देते। सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस की नीति थी कि किसी भी प्रकार से सपा और तृणमूल को एक साथ नहीं बैठने देना है पर कल की राजनीति उनपर भारी पड़ी और ममता और मुलायम एक साथ बैठ गए। सूत्र बता रहे हैं कि इसमें कांग्रेस की अपनी रणनीतिक कमजोरी है क्योंकि वह समझ रही थी कि देर सवेर तो सपा को उसी के पास आना है और डिनर के बहाने तो उन्हें भी अपने खेमे में मिला ही लिया गया है पर बुधवार कांग्रेस के लिए मुसीबत लेकर आया औऱ सालों की मेहनत पर थोड़ी ही देर में पानी फिर गया।

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English summary
It shouldn't be any surprise that the upcoming Presidential election is the talk of Washington DC at this time of the year.
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